सफलता की कहानी
केन्द्र और राज्य सरकार की मंशा है कि खेती मुनाफे का व्यवसाय बने। इस सोच को लेकर किसान हितैषी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश के अनेक किसानों ने इन योजनाओं से जुड़कर अपनी आमदनी बढ़ाई है। ऐसे ही एक किसान देवास के सुखदेव हैं।
किसान सुखदेव का परिवार लंबे समय से परंपरागत खेती और पशुपालन व्यवसाय से जुड़ा था। उनके यहां अच्छी मात्रा में दूध एकत्र किया जाता था। सुखदेव अपने यहां एकत्र होने वाले दूध का शत-प्रतिशत उपयोग करना चाहते थे। इसके लिये उन्होंने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया और उन्होंने दूध से बने उत्पाद का प्रोजेक्ट जमा कराया। प्रोजेक्ट पर विचार के बाद उन्हें उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की जानकारी दी गई। इसके बाद उन्हें ऋण भी मंजूर हुआ।
प्राप्त ऋण राशि से उन्होंने मावा बनाने की मशीन और दूध संग्रहित करने के लिये फ्रीजर के साथ अन्य मशीनों को अपने यहां स्थापित किया। किसान सुखदेव बताते हैं कि दूध से बने उत्पाद की अच्छी मांग होने से उन्हें खेती के अलावा अन्य आय भी होने लगी है। शुद्धता की वजह से क्षेत्र में उनकी साख भी बढ़ी है। अब वे प्रति माह करीब एक लाख रूपये की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। सुखदेव इसके लिये केन्द्र और राज्य सरकार दोनों को धन्यवाद देते हैं।