साहब, मेरा बच्चा दमोह अस्पताल में भर्ती है। बच्चे के दिल में सुराख है। यहाँ के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे का इलाज दमोह से बाहर दूसरे अस्पताल में कराना होगा। इस पर होने वाला खर्च सरकार देगी। यह बात दमोह चिकित्सालय में अपने 4 माह के पुत्र राकेश का इलाज करा रहे नत्थूराम अहिरवार ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी से वीडियो-कॉल पर चर्चा के दौरान कही। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने नत्थूराम अहिरवार को पूर्ण आश्वस्त किया कि उसके बेटे के इलाज में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। अच्छे अस्पताल में उसका उपचार कराया जायेगा और उसका सारा खर्च राज्य सरकार उठायेगी। उन्होंने नत्थूराम से जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं के बारे में भी जाना। नत्थूराम ने व्यवस्थाओं पर संतोष जाहिर किया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में जाँच और उपचार की व्यवस्थाओं का फीडबैक लेने के लिये मरीजों से सीधे संवाद की पहल की है। इसी क्रम में उन्होंने सोमवार को मंत्रालय से दमोह और शाजापुर के जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों से वीडियो-कॉल पर चर्चा की।
दमोह अस्पताल में ऑपरेशन करवाने के लिये भर्ती पान उमरिया, जबलपुर की रहने वाली श्रीमती रजनी चौरसिया ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि उन्हें गॉयनिक प्राबलम थी। दमोह में सर्जन और चिकित्सकीय व्यवस्थाओं के बारे में उन्हें मालूम था कि यहाँ उपचार की अच्छी व्यवस्था है। इसलिये उन्होंने दमोह में अपने रिश्तेदार के घर रुककर ऑपरेशन करवाया। श्रीमती रजनी चौरसिया ने कहा कि दमोह अस्पताल में इलाज और व्यवस्था बेहतर मिली है और उनका कोई पैसा भी खर्च नहीं हुआ। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने शाजापुर और दमोह चिकित्सालय में भर्ती अनेक मरीजों से वीडियो-कॉल के माध्यम से सीधी बात की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने अस्पताल में मिल रहे उपचार, दवाइयों सहित अन्य व्यवस्थाओं के साथ-साथ डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ के मरीजों से व्यवहार के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने प्रसूति वार्ड में भर्ती माताओं से उनके अस्पताल पहुँचने के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। इस पर सभी ने बताया कि उन्हें सरकारी एम्बुलेंस से अस्पताल लाया गया और किसी को कोई पैसा नहीं देना पड़ा। अस्पताल में दवाइयाँ भी नि:शुल्क मिली हैं और यहाँ के डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ का व्यवहार भी अच्छा है।