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खजुराहो नृत्य समारोह का चौथा दिन ओडिसी युगल नृत्य से शुरू हुआ

 प्रस्तुति के अनुपम छटा से आत्मविभोर हो रहे दर्शक

मंगलवार को 47वें खजुराहो नृत्य समारोह के चौथे दिन की शुरूआत अर्धनारीश्वर, पल्लवी और दशावतार थीम पर आधारित श्री विनोद केविन बच्चन एवं वृन्दा चड्ढ़ा के ओडिसी युगल नृत्य से हुई। इसी क्रम में अनीता शर्मा एवं साथी द्वारा कृष्ण वंदना, लीला पुरुषोत्तम और लीला गोविंदम थीम पर सत्रिया समूह और प्रिया श्रीवास्तव द्वारा कथक नृत्य प्रस्तुत किया गया। माँ जगदंबा और कंदरिया महादेव प्रांगण में आयोजित नृत्य समारोह की प्रस्तुति की अनुपम छटा देखते ही बनती है। मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति से खजुराहो नृत्य समारोह में उपस्थित दर्शक इसे निहार कर आनंदित और आत्मिक रूप से प्रफुल्लित हो रहे हैं।

ओड़िसी युगल नृत्य की प्रस्तुति देने वाले श्री विनोद केविन बच्चन और वृंदा चड्ढा पदम श्री रंजना गौहर के वरिष्ठ शिष्य हैं। श्री केविन दक्षिण भारतीय नृत्य कला कुचिपुड़ी के साथ ही उड़ीसा की विभिन्न क्षेत्रीय लोक शैलियों में भी गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वृंदा चड्ढा को ओडिसी नृत्य के लिए संस्कृति मंत्रालय की राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है। दोनों ही कलाकार भारत और विदेश के विभिन्न मंचों पर सांगीतिक लय के साथ शारीरिक भंगिमाओं के अद्भुत सामंजस्य की प्रस्तुतियाँ दे चुके हैं।

सुश्री अनीता शर्मा असम के नृत्य सात्रिया की एक सिद्धहस्त कलाकार है। उन्होंने पदमश्री नृत्याचार्य जतिन गोस्वामी से सात्रिया नृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। दूरदर्शन की A ग्रेड कलाकार होने के साथ ही उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार 2014, देवदासी पुरस्कार, नृत्य विदुषी सम्मान आदि से सम्मानित किया गया है।

प्रिया श्रीवास्तव ने देश-विदेश में असंख्य दर्शकों को अपनी कथक नृत्य की अभिनव शैली से सम्मोहित किया है। इन्हें प्ले वर्ष 2011 में कटनी शहर में आयोजित अखिल भारतीय किरण महोत्सव में प्रथम आने का सम्मान एवं राष्ट्रीय मुक्त युवा महोत्सव में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक प्रदान किया गया है। प्रिया श्रीवास्तव ने चक्रधर समारोह, राणा कुंभा महोत्सव, कालिदास समारोह जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित समारोह में अपनी प्रस्तुति दी है।

खजुराहो नृत्य समारोह में शास्त्रीय नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति देख उपस्थित कला- प्रेमी मंत्रमुग्ध होकर एकाग्र भाव के साथ देखते रहे। प्रतिदिन बड़ी संख्या में स्थानीय जनों के अलावा देशी-विदेशी पर्यटक और कला प्रेमी पहुँच रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर भारी जन-समूह की उपस्थिति और उत्साह कार्यक्रम की सफलता को दर्शाता है। 

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