स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि विद्यार्थियों के शिक्षा के स्तर में मैदानी परिणामों के आधार पर एनजीओ के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने कहा वे स्वयं प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर एनजीओ की गतिविधियों की समीक्षा करेंगे। मंत्री श्री परमार मंत्रालय में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे गैर सरकारी संगठनों (NGO) के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। श्री परमार ने कहा कि हमारा उद्देश्य ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षित करना है। उन्होंने एनजीओ के संचालकों से कहा कि वे प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातियों जैसे बैगा, सहरिया और भरिया के बच्चों पर विशेष ध्यान दे। सभी एनजीओ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अपनी गतिविधियाँ संचालित करें।
श्री परमार ने कहा कि बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा देने के साथ ही वर्तमान की नई टेक्नोलॉजी, तकनीक और सॉफ्टवेयर के बारे में भी जानकारी दे एवं डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग कर शिक्षण प्रक्रिया को रुचिकर और प्रभावी बनाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी से सीख लेते हुए अपनी गतिविधियाँ इस तरह संचालित करे, जिससे आने वाले किसी भी संकट के समय में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। श्री परमार ने कहा कि स्थानीय लोगों और पंचायतों का सहयोग ले और उन्हें शैक्षणिक गतिविधियों में भागीदार बनाए। स्कूल परिसर में एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम चलाए। मैदानी स्तर पर दिखाई देने वाले परिणामों के आधार पर एनजीओ की परफॉर्मेंस निर्धारित की जाएगी।
समीक्षा बैठक के दौरान संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री एस. धनराजू और संबंधित अधिकारी और एनजीओ के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।