पर्यावरण संरक्षण से ही जलीय संसाधनों के अस्तित्व को बचाया जा सकता है। पचासवें विश्व वेटलैण्ड दिवस के अवसर पर अपने संदेश में पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि मानव जाति के अस्तित्व के लिये वेटलैण्ड, झील, तालाब एवं समस्त जलीय संसाधनों की सुरक्षा आवश्यक है।
श्री डंग ने कहा कि विश्व-स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिये जल-संसाधनों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उपभोगवादी प्रवृत्ति के कारण प्राकृतिक संसाधनों नदियों, तालाबों एवं जलाशयों का सदियों से दोहन किया जाता रहा है। इससे मनुष्य और प्रकृति के बीच पर्यावरण संतुलन डगमगाने के कारण ही प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन, महामारी एवं पर्यावरण प्रदूषण का प्रकोप बढ़ गया है।
मंत्री श्री डंग ने कहा कि दुनिया-भर में पर्यावरण को बचाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईरान के रामसर शहर में रामसर संधि पर 2 फरवरी, 1971 को हस्ताक्षर किये गये थे। इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय विश्व वेटलैण्ड दिवस के रूप में मनाया जाता है।
श्री डंग ने कहा कि पानी के बिना मनुष्य के अस्तित्व की कल्पना भी संभव नहीं है। पृथ्वी पर जल को बचाने की महती आवश्यकता है। आइये इस वेटलैण्ड दिवस पर हम संकल्प लें कि पानी, नदी, तालाब को सुरक्षित एवं संरक्षित कर 'जल ही जीवन है'' की भावना को चरितार्थ करेंगे।