महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को सौंपे 1.50 करोड़ राशि के चैक
परिवहन एवं राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों को गौ-शाला संचालन का काम सौंपा जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं को गृहलक्ष्मी का दर्जा इसलिये दिया गया है, क्योंकि वे जिस काम को करती हैं, उसमें फायदा निश्चित होता है। श्री राजपूत सागर जिले के राहतगढ़ तहसील में महिला स्व-सहायता समूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने महिला स्व-सहायता समूह को एक करोड़ 50 लाख की राशि के चैक प्रदान किये।
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि अभी पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ गौ-शालाओं का संचालन महिला स्व-सहायता समूह को सौंपा गया है। यह प्रयोग सफल रहा, तो आगे अन्य गौ-शालाओं का संचालन भी महिला समूहों को सौंपा जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले महिलाएँ घर के काम ही करती थीं। सरकार ने सोचा कि पुरुषों के साथ महिलाओं को भी ऐसा काम दिया जाये, जो वे घर बैठकर अन्य कामों के साथ कर सकें। गौ-शाला संचालन भी इन्हीं चुनिंदा कामों में से एक है। महिलाएँ आत्म-निर्भर होंगी, तो प्रदेश और देश आत्म-निर्भर होगा।
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि समूह में जुड़ने से महिलाओं में आत्म-विश्वास, आत्म-बल एवं आत्म-निर्भरता की भावना बढ़ी है। सागर में अभी 1600 समूह विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य इसे बढ़ाकर 2 हजार 500 तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर स्व-सहायता समूहों के लिये एक करोड़ नहीं, 10 करोड़ की राशि की व्यवस्था भी की जाएगी।
सागर जिले की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सविता राजपूत ने कहा कि अब वह समय नहीं रहा, जब महिलाएँ घर की चहार-दीवारी तक सीमित रहती थीं। उन्होंने कहा कि महिलाएँ स्व-सहायता समूह के रूप में काम करेंगी, तो उनकी आमदनी के साथ आत्म-निर्भरता भी बढ़ेगी। आत्म-निर्भर महिला आत्म-निर्भर देश का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने महिलाओं से आव्हान किया कि आप लोग आगे आयें और प्रदेश और देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दें।