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जेजेएम के प्रबंधन, क्रियान्वयन, मूल्यांकन और कौशल विकास के लिए 353 करोड़ का प्रावधान

 स्थानीय युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन अंतर्गत तैयार हो रहीं जलप्रदाय योजनाओं के लिए कार्यक्रम प्रबंधन इकाई, कार्यान्वयन सहायता संस्थाओं, तृतीय पक्ष मूल्यांकन एवं कौशल विकास प्रशिक्षण आदि की समुचित व्यवस्थायें करते हुए वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। इन सभी कार्यों के लिए विभाग द्वारा 353 करोड़ 29 लाख 72 हजार रूपये की मदवार प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई हैं। राज्य सरकार ने भी राष्ट्रीय स्तर से जल जीवन मिशन के लिए निर्धारित मापदण्डों के पालन के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएँ कीं हैं।

कार्य-प्रबंधन इकाई (पीएमयू)

कार्य-प्रबंधन इकाई के अन्तर्गत दो टीमें होगी। एक टीम तकनीकी सहायता देगी, वही दूसरी टीम प्रबंधन समर्थन के लिए मैकेनिज्म पर काम करेगी। प्रदेश की राजधानी सहित 13 संभाग/जिला मुख्यालयों के लिए 80 करोड़ 81 लाख 2 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में 'जिला जल एवं स्वच्छता मिशन' की समिति गठित है। जिला स्तर पर मिशन की सहायता के लिये जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई बनाई गई है।

कार्यान्वयन सहायता एजेन्सी (आईएसए)

जल जीवन मिशन के लिए चयनित ग्रामीण क्षेत्र में जलप्रदाय योजनाओं से प्रभावित समुदाय को सुविधा प्रदान करने, जन-सहयोग की सहमति लेने, बुनियादी ढाँचे के प्रबंधन के लिए गठित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को मार्गदर्शन देने का कार्य एजेन्सी द्वारा किया जाएगा। कार्य के सुचारू संचालन के लिए प्रदेश के सभी जिलों के लिए 152 करोड़ 53 लाख 44 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रत्येक जिले की अपनी कार्यान्वयन सहायता एजेन्सी होगी।

तृतीय पक्ष मूल्यांकन संस्थायें (टीपीआई)

प्रदेश की ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन के माध्यम से जल उपलब्ध करवाने के लिए बनाई जा रही जलप्रदाय योजनाओं के तृतीय पक्ष मूल्यांकन की व्यवस्था भी की गई है। मूल्यांकन संस्थायें निरीक्षण उपरान्त यह तय करेंगी कि निर्माण संस्था द्वारा निर्धारित मापदण्ड़ के अनुसार कितना कार्य कर लिया है और किए गये कार्य के विरूद्ध कितने भुगतान की पात्रता बनती है। समूचे प्रदेश में चल रहे कार्यों के तृतीय पक्ष मूल्यांकन व्यवस्था के लिए 102 करोड़ 82 लाख 46 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। प्रत्येक जिले में तृतीय पक्ष मूल्यांकन संस्थायें (टीपीआई) निर्धारित की जा रही है।

कौशल विकास प्रशिक्षण

ग्रामीण आबादी में स्थापित जल व्यवस्था का संचालन, संरक्षण और संधारण बेहतर हो सके, इसकी भी व्यवस्था की गई है। जलप्रदाय योजनाओं में भविष्य में आने वाली रूकाबट अथवा खराबी को स्थानीय स्तर पर दूर किया जा सके इसके लिए कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत स्थानीय युवाओं को समुचित प्रशिक्षण दिया जायेगा। जलप्रदाय योजना क्षेत्र के रहवासी करीब 50 हजार युवाओं को उनकी रूचि के अनुसार मैशन, पिलम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक तथा पम्प ऑपरेटर के कार्यों का प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जायेगा। इससे जलप्रदाय योजनाओं को लेकर भविष्य में आई किसी भी कठिनाई को स्थानीय स्तर पर दूर किया जा सकेगा और युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कौशल विकास प्रशिक्षण मद में 17 करोड़ 12 लाख 62 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है।

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