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ई-उपार्जन पोर्टल पर 21.06 लाख किसानों ने कराया पंजीयन

 उपार्जन केन्दों पर अनाज की सुरक्षा की हो पर्याप्त व्यवस्था

खाद्य मंत्री और सहकारिता मंत्री ने की उपार्जन पंजीयन की समीक्षा

रबी विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने के लिये 21 लाख 6 हजार किसानों ने ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया गया है जो कि विगत वर्ष की तुलना में एक लाख 59 हजार अधिक है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह और सहकारिता मंत्री श्री अरविन्द भदौरिया अधिकारियों के साथ रबी उपज की समीक्षा की।

145 लाख मे.टन उपज के भंडारण का लक्ष्य

मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि इस वर्ष 125 लाख मेट्रिक टन गेहूँ, 20 लाख मेट्रिक टन दलहन और तिलहन के भंडारण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उपार्जन अनुमान के अनुसार अधिकारियों को अनाज के भंडारण, परिवहन, बारदाना और वित्तीय व्यवस्था की तैयारी विभाग द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि दलहन एवं तिलहन का उपार्जन प्राथमिकता से गोदाम स्तरीय केन्द्रों पर किया जाएगा, जिससे स्कन्ध का शीघ्रता से परिवहन एवं भंडारण कराया जा सके।

15 मई तक होगा उपार्जन

सहकारिता  मंत्री डॉ. अरविंद भदौरिया ने कहा कि पंजीकृत किसानों से 15 मई तक उपार्जन पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि उपार्जित अनाज को यथासंभव शीघ्र भंडारण कराया जाए साथ ही केन्द्रों पर अनाज की सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था हो, जिससे अनाज का एक भी दाना बर्बाद न हो। अनाज को पक्के चबूतरे पर ही रखा जाए ताकि अचानक होने वाली बूंदा-बांदी से भी अनाज सुरक्षित रह सके। अचानक होने वाली बारिश के समय अनाज को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त आकार एवं संख्या में तिरपाल की व्यवस्था की जाए। कुछ समय के लिए अचानक तत्काल भंडारण की आवश्यकता हो तो निकट की खाली पड़ी शासकीय संस्थाओं में कुछ समय के लिए अनाज का भंडारण किया जा सकता है। अनाज के उपार्जन, ट्रांसपोर्टेशन तथा भंडारण ही सतत निगरानी की जाए। गेहूँ एवं चना का भंडारण पृथक-पृथक करने के निर्देश दिए गए, जिससे दोनों ही अनाज को सुरक्षित रखा जा सके। अधिकारियों ने जानकारी दी कि विगत वर्ष की तुलना में गेहूँ का रकबा 4 प्रतिशत कम हुआ है।

मंत्री डॉ. भदौरिया ने निर्देश दिए कि उपार्जन केन्द्रों की संख्या पूर्ववत रहेगी। उपार्जन केन्द्रों की संख्या में कमी नहीं की जाएगी। समिति को किसी कारणवश बंद करना पड़ा तो उसकी जगह एसएचजी, एफपीयू, एफपीसी द्वारा गेहूँ उपार्जन कराया जाएगा।    

प्रमुख सचिव खाद्य श्री फैज़ अहमद किदवई ने बताया कि किसान पंजीयन का कार्य प्रदेश के 3518 केन्द्रों पर किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त गिरदावरी किसान एप, कॉमन सर्विस सेन्टर, कियोस्क पर भी किसानों को पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। विगत वर्ष 45 लाख 7 हजार हेक्टेयर रकबा गेहूँ के लिए पंजीकृत हुआ था। इस वर्ष अभी तक 42 लाख 87 हजार हेक्टेयर रकबा पंजीकृत हो चुका है। सभी किसानों का पंजीयन हो सके इसके लिए पंजीयन की तिथि 25 फरवरी तक की बढ़ाई गई है।

बैठक में मंत्रीद्वय के अलावा प्रबंध संचालक मार्कफेड श्री पी. नरहरि, प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति निगम श्री अभिजीत अग्रवाल, संचालक खाद्य एवं प्रबंध संचालक वेयर हाऊससिंग लाजिस्टिक कापार्रेशन श्री तरूण पिथोड़े एवं सहकारिता विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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