जितना ज्यादा होगा समाज शिक्षित उतना ही ज्यादा होगा विकसित - खाद्य मंत्री----
महासभा के अध्यक्ष श्री बारेलाल द्वारा मुख्य अतिथि मंत्री श्री सिंह को एक ज्ञापन सौपा। उन्होंने ज्ञापन में मांग की कि शासन द्वारा जारी किए जाने वाले जाति प्रमाण-पत्र में से जाति के आगे उप-जाति में चमार शब्द के स्थान पर सूर्यवंशी लिखा जाएं एवं भोपाल में जाँगड़ समाज की धर्मशाला बनाए जाने के लिये आर्थिक सहायता अथवा भूमि आवंटित की जाए। मंत्री श्री सिंह ने आश्वस्त किया कि जाति प्रमाण-पत्र के संबंध में परीक्षण कर शीघ्र प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा। मंत्री श्री सिंह ने भोपाल में धर्मशाला के निर्माण के लिये मंत्री निधि से 20 लाख रूपये दिये जाने की घोषणा की।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया ने अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि जाँगड़ महासभा द्वारा आयोजित यह 7वां परिचय सम्मेलन है। श्री कंसोटिया ने मंच पर उपस्थित युवक-युवतियों द्वारा परिचय दिये जाने के बाद कहा कि यह बड़े गौरव की बात है कि समाज में बेटियां बेटो से ज्यादा पढ़ी लिखी एवं रोजगारयुक्त है। परंतु हमारा प्रयास यह भी होना चाहिए कि बेटे भी उतने ही शिक्षित हो जितनी बेटियां है। उन्होंने युवाओं से कहा कि नौकरी के पर्याप्त अवसर नहीं मिले तो आपको स्व-रोजगार पर ध्यान देना चाहिए एवं तकनीकी कायों को सीखना चाहिए। इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर एवं ऐसे ही अन्य स्व-रोजगार के कामों को सीखना चाहिए। जिससे स्वयं का भी रोजगार स्थापित कर सकें।
कार्यक्रम में 9वीं, 10वीं एवं 12वीं के 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त लाने वाले जाँगड़ समाज उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर मुख्य अतिथि श्री बिसाहूलाल सिंह ने सम्मानित किया। इसके साथ ही समाजसेवी श्री चौधरी द्वारा होशंगाबाद में मृत्यु भोज की कुप्रथा बंद करवाने के लिये उनके योगदान के लिये उन्हें शॉल, श्रीफल एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।