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तकनीकी शोध और अमल से लाई जा सकती है सड़क दुर्घटनाओं में कमी - श्री बोरासो

 नोडल एजेंसियाँ टीम भावना से काम करें - श्री सुब्रहमण्यम

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। इसके लिये बेहतर तकनीकी शोध किये जाने की आवश्यकता है। साथ ही इन शोधों के निष्कर्ष पर समुचित रूप से अमल भी किया जाना चाहिये। यह बात सहायक निदेशक एमसीटीपी एवं आईपीएस श्री भूषणजी बोरासो ने ऑनलाइन वर्कशॉप को संबोधित करते हुए कही। आईआईटी, मद्रास के प्रो. श्री व्यंकटेश सुब्रहमण्यम ने अपने उदबोधन में सभी नोडल एजेंसियों को टीम भावना से काम करने की नसीहत दी।

'व्हाट वर्क्स इन रोड सेफ्टी'' विषय पर संबोधित करते हुए श्री बोरासो ने कहा कि सड़कों को सुगम यातायात के लिये सुरक्षित बनाये रखने की दृष्टि से तकनीकी संस्थानों से मदद लेनी होगी। नवीनतम शोध करने होंगे और उनके परिणामों को अमली जामा पहनाना होगा, तभी हम सड़क दुर्घटनाओं में कमी ला सकेंगे। उन्होंने मोटर-व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्ती से कार्यवाही करने को कहा। श्री बोरासो ने कहा कि तमिलनाडु में उल्लंघनकर्ताओं के लायसेंस निरस्त किये गये, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले और दुर्घटनाओं में कमी दर्ज की गई। तकनीकी का सही तरीके से सही समय पर इस्तेमाल कर भी दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।

प्रो. सुब्रहमण्यम ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये सभी नोडल एजेंसियों को टीम भावना से काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं की प्री और पोस्ट क्रेश इन्वेस्टिगेशन समुचित तरीके से करने पर भविष्य में दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है।

ऑनलाइन वर्कशॉप का संचालन करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक, पीटीआरआई श्री डी.सी. सागर ने विश्वास जताया कि मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में यह वर्कशॉप बहुत उपयोगी साबित होगी। निश्चित ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे।


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