गोल्डन-ऑवर घायल के लिये संजीवनी – एडीजी श्री सागर
रोडसेफ्टी ऑडिट जरूरी – प्रो. तिवारी------मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये सड़क सुरक्षा की रणनीति आमजन को केन्द्रीत करके तैयार करना चाहिए। यह बात एडीजी प्रशिक्षण श्रीमती अनुराधा शंकर ने ऑनलाइन वर्कशॉप को संबोधित करते हुए कही। मेनिट के प्रोफेसर राहुल तिवारी ने सड़क सुरक्षा के लिये रोड सेफ्टी ऑडिट को जरूरी बताया। ए रोडमैप टू रोड सेफ्टी : राईट्स एण्ड ड्यूटीज विषय पर आधारित छ: दिवसीय ऑनलाइन वर्कशॉप के समापन सत्र को संबोधित करते हुए एडीजी (पीटीआरआई) श्री डी.सी. सागर ने सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के लिये गोल्डन-ऑवर को संजीवनी बताया।
प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए एडीजी श्रीमती अनुराधा शंकर ने कहा कि मनुष्य चिंतनशील होता है, सोच सकता है, इसीलिए उसने प्रगति कर सभ्य समाज की स्थापना की है। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये जरूरी है कि उसकी रचनात्मकता, बुद्धिमत्ता और संवेदनशीलता सड़क सुरक्षा के प्रति कर्तव्यों में भी परिलक्षित हो। इससे यातायात के नियमों का पालन स्वत: होगा और दुर्घटना में नि:संदेह कमी आयेगी। द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए मेनिट के प्रो. तिवारी ने रोड-सेफ्टी ऑडिट के मूलभूत सिद्धांतो पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उचित प्रकार से रोड-सेफ्टी ऑडिट किये जाने से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सकरात्मक परिणाम आएंगे।
वर्कशॉप के छठे और अंतिम दिन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए एडीजी श्री सागर ने कहा कि दुर्घटना में घायलों को एक घण्टें में यदि समुचित उपचार मिल जायें तो अधिकतम घायलों के प्राणों की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद का पहला घण्टा गोल्डन ऑवर कहा जाता है और यह समय घायल के लिये संजीवनी के समान है। गोल्डन-ऑवर में उपचार मिल जाने से 90 प्रतिशत से अधिक घायलों की जान बचायी जा सकती है। मोटर व्हीकल एक्ट 2019 में किये गये प्रावधानों के अनुसार मददगारों से किसी प्रकार की पूछताछ नहीं की जा सकती है। मददगारों (नेक व्यक्ति) को कानूनी संरक्षण दिया गया है। श्री सागर ने प्रत्येक व्यक्ति को प्राथमिक उपचार (फर्स्ट-एड) का प्रशिक्षण दिये जाने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि पीटीआरआई और स्वास्थ्य विभाग मिलकर फर्स्ट-एड प्रशिक्षण के लिये अभियान शुरू करेंगे।
एडीजी श्री सागर ने ऑनलाइन वर्कशॉप के समापन पर सभी विशेषज्ञों का संस्थान की ओर से आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी नोडल एजेन्सियों से अपेक्षा व्यक्त की कि सभी समन्वय पूर्वक मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये बेहतर कार्य करेंगे।