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विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर श्री रामेश्वर शर्मा ने भोपाल में फहराया राष्ट्रीय ध्वज

 लाल परेड मैदान में 72वाँ गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के माहौल में मनाया गया---


मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर श्री रामेश्वर शर्मा ने 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भोपाल के लाल परेड मैदान में राज्य-स्तरीय कार्यक्रम में नागरिकों की उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके बाद उन्होंने आकर्षक परेड की सलामी ली। पुलिस परेड में 11 टुकड़ियाँ शामिल हुईं। गणतंत्र दिवस समारोह नागरिकों की उपस्थिति में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


समारोह की शुरूआत राष्ट्रीय गान जन-गण-मन की धुन से हुई। समारोह के मुख्य अतिथि श्री रामेश्वर शर्मा ने परेड का निरीक्षण किया। इसके बाद परेड कमाण्डर श्री श्रुतकीर्ति सोमवंशी के नेतृत्व में मार्च-पास्ट किया गया। परेड के टू.आई.सी. श्री यश बिजौरिया थे। परेड में हॉक फोर्स, एसटीएफ, मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल, मध्यप्रदेश पुलिस बल, जिला पुलिस बल, होमगार्ड, जेल विभाग, पुलिस बैण्ड, स्वान दल और अश्वरोही दल शामिल थे।

मार्च-पास्ट के बाद मुख्य अतिथि श्री रामेश्वर शर्मा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया। समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा रंगीन गुब्बारे छोड़े गये। सशस्त्र सेवा की विभिन्न टुकड़ियों में रेल पुलिस का बल भी शामिल था।

जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति

राज्य-स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में प्रदेश की जनजातीय संस्कृति पर केन्द्रित ठाट्या जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति दी गई। जनजातीय नृत्यों की विलुप्त होती परम्पराओं के बीच जो जनजाति अपनी नई पीढ़ी में भी इन बिरवों को सतत रूप से रोप रही है, वह ठाट्या है। ठाट अर्थात वैभव। चरवाही संस्कृति का आह्लाद, ठाट्या यूँ तो विभिन्न पर्वों, मंगल अनुष्ठानों, तीज-त्यौहारों पर नृत्य करते ही हैं, किन्तु दीपावली के बाद एक माह तक जनजातीय क्षेत्रों में ठाट्या समुदाय को जो गरिमा व गौरव दिया जाता है, वह किसी भी पूज्य व्यक्ति को ही मिल सकता है। जनजातीय कलाकारों ने ठाट्या नृत्य के माध्यम से परेड ग्राउण्ड में उपस्थित नागरिकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ढोल की थाप पर बाँसुरी की मधुर धुन पर जनजातीय कलाकारों ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया।

प्रदेश की तरक्की को झाँकियों के माध्यम से किया प्रस्तुत

राज्य-स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में प्रदेश की प्रगति और भावी योजनाओं के विविध आयामों को समाहित करते हुए आत्म-निर्भर भारत और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश मुख्य विषय पर केन्द्रित विभिन्न विभागों की झाँकियाँ प्रस्तुत की गयीं। उद्यानिकी विभाग की झाँकी में एक जिला-एक उत्पाद को प्रदर्शित किया गया। आगर-मालवा में चयनित फसल संतरा की चेनलिंक फैंसिंग का प्रदर्शन और उत्पादन का सुरक्षित भण्डारण के प्रदर्शन के साथ फसल के प्र-संस्करण को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया। अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग की झाँकी में महिला स्व-सहायता समूह, ज्ञानोदय विद्यालय और इन वर्गों के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के लिये संभागीय मुख्यालय में संचालित ज्ञानोदय विद्यालय के संचालन को प्रदर्शित किया गया। जनजातीय कार्य विभाग की झाँकी में स्व-रोजगार की योजनाओं, जनजातीय संस्कृति और भाषाओं का संरक्षण और एकलव्य स्कूल के संचालन को प्रदर्शित किया गया।

समारोह में इसी तरह किसान कल्याण विभाग की झाँकी में मध्यप्रदेश के गेहूँ के रिकॉर्ड उत्पादन, कृषि उपकरण की अनूठी योजना कस्टम हायरिंग को प्रदर्शित किया गया। गृह विभाग की झाँकी में कोविड कोरोना काल में पुलिस बल द्वारा जरूरतमंदों की सेवा के कामों को प्रदर्शित किया गया। इस झाँकी में प्रदेश में ड्रग्स व भू-माफिया के खिलाफ की जा रही सख्त कार्यवाही को प्रदर्शित किया गया। तकनीकी शिक्षा विभाग की झाँकी में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिये कौशल विकास की योजना, भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क को प्रदर्शित किया गया। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग की झाँकी में भोपाल एवं इंदौर मेट्रो कॉरीडोर के मॉडल को प्रदर्शित किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की झाँकी में मनरेगा के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने, ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 3 लाख 15 हजार से अधिक समूहों के कार्यों को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया। पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय विभाग की झाँकी में नर्मदा नदी के तट पर खण्डवा जिले में दसवीं-ग्यारहवीं शताब्दी परमार काल के मंदिरों एवं मठों के जीर्णोद्धार कार्य को प्रदर्शित किया गया।

राज्य-स्तरीय समारोह में पशुपालन विभाग की झाँकी में डेयरी व्यवसाय, पशु रोग नियंत्रण, दुग्ध सहकारी समितियों के गठन को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की झाँकी में कोविड-19 के स्वदेशी वैक्सीन के प्रारूप को प्रदर्शित किया गया। झाँकी में कोविड-19 की टीकाकरण प्रक्रिया को भी प्रदर्शित किया गया। वन विभाग की झाँकी में वनों पर आश्रित वनवासियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिये किये जा रहे कार्यों को प्रदर्शित किया गया। सामाजिक न्याय विभाग की झाँकी में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये किये जा रहे कार्यों को प्रदर्शित किया गया। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की झाँकी में प्रदेश के प्रत्येक जिले के एक उत्पाद का चयन और उसे लोकप्रिय बनाने के लिये किये जा रहे प्रयासों को प्रदर्शित किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग की झाँकी में डिजिटल माध्यम से बच्चों को प्रतिदिन अध्ययन कराये जाने की प्रक्रिया को प्रदर्शित किया गया। विभाग की झाँकी में हमारा घर-हमारा विद्यालय को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया।


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