खगोल विज्ञान में शोध संचार - शिक्षा और विकास में सहयोगी बनेंगे
म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकास्ट) भोपाल एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), इन्दौर के बीच खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी के क्षेत्र में हुए सहमति-पत्र के अंतर्गत दोनों संस्थान शोध, संचार, शिक्षा और विकास से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सहयोग करेंगे।
उल्लेखनीय है कि म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकास्ट) भोपाल के तकनीकी सहयोग से इंदौर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर में मोबाइल तारामंडल की स्थापना प्रस्तावित है। मोबाइल तारामंडल की स्थापना का उद्देश्य विद्यार्थियों में खगोल विज्ञान में रूचि पैदा करना है। यह जानकारी परिषद् के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर के दौरान दी।
डॉ. कोठारी ने बताया कि खगोल विज्ञान से संबंधित पाठ्यक्रमों, विंटर स्कूल, संगोष्ठियों आदि का आयोजन किया जायेगा। उज्जैन तारामंडल के कार्यक्रमों में आईआईटी के विद्यार्थियों को सहभागी बनाया जायेगा। तारामंडल आधारित ब्रह्मांड संबंधी कार्यक्रमों के निर्माण में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थियों का सहयोग लिया जायेगा। महानिदेशक ने बताया कि दोनों संस्थान खगोल भौतिकी विशेष रूप से ऑप्टीकल एस्ट्रोनॉमी में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं में परस्पर सहयोग करेंगे। इन्दौर स्थित आईआईटी के जरिये डोंगला स्थित वराहमिहिर वेधशाला के खगोलीय प्रेक्षणों को नियंत्रित किया जायेगा।
इसी प्रकार सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डाटा विश्लेषण डोम का ऑटोमेशन और ब्रह्मांडीय पिंडों की खगोलीय फोटोग्रॉफी के क्षेत्र में परस्पर सहयोग किया जायेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर के निदेशक डॉ एन.के. जैन ने अपनी संस्था की ओर से हस्ताक्षर किये।