देश और दुनिया मे मशहूर करेली गुड़ और गाडरवारा की तुअर दाल ने भोपाल में धूम मचा दी है।शुक्रवार को एक जिला एक उत्पाद की अवधारणा को लेकर भोपाल में गुड़ मेला प्रारम्भ हुआ। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग एवं जिला प्रशासन नरसिंहपुर द्वारा "एक जिला एक उत्पाद में मुख्य आकर्षण प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के करेली का गुड़ एवं गाडरवारा की तुअर दाल विक्रय हेतु उपलब्ध है। गुड़ मेला 2021 का शुभारंभ श्री जीएस कौशल सेवानिवृत्त संचालक कृषि द्वारा किया गया। मेले का शुभारंभ कार्यक्रम में डॉक्टर ए के तिवारी निदेशक दलहन विकास निदेशालय भोपाल, श्री के एस टेकाम अपर संचालक कृषि, श्री बीएल बिलैया संयुक्त संचालक कृषि भोपाल, श्री जीतेंद्र सिंह संयुक्त संचालक कृषि होशंगाबाद, श्री एस के सोनानिया उप संचालक कृषि भोपाल एवं श्री अवनीश चतुर्वेदी उपसंचालक संचालनालय भोपाल, एवं लगभग 450 किसान एवं लगभग 1000 से अधिक भोपालवासी नागरिक उपस्थित रहे। श्री कौशल द्वारा गुड़ एवं दाल उत्पादक किसानों को जैविक खेती खेती हेतु किसानों को प्रोत्साहित किया। श्री राजेश त्रिपाठी उप संचालक कृषि नरसिंहपुर द्वारा करेली का गुड़ एवं गाडरवारा की तुअर दाल के विशेषता के बारे में प्रकाश डाला गया। श्री जितेंद्र सिंह संयुक्त संचालक कृषि होशंगाबाद द्वारा नरसिंहपुर के जैविक उत्पादों के बारे में अवगत कराया गया। आभार प्रदर्शन श्री बीएल बिलैया संयुक्त संचालक कृषि द्वारा किया गया। कृषक श्री राकेश दुबे, करताज एवं श्री कृष्ण पाल सिंह चिरचिटा द्वारा जैविक गुड़ उत्पादन पद्धति के बारे में अवगत कराया। नरसिंहपुर जिले से 40 कृषकोंद्वारा 20 स्टाल गुड़, तुअर दाल के लगाए हैं। जिसमें गुड़ विभिन्न फ्लेवर्स काली मिर्च, इलायची, अदरक, आंवला में उपलब्ध है। विभिन्न आकार के गुड़, ब्राउन शुगर (गुड पाउडर) एवं राब (शीरा)विक्रय हेतु विभिन्न पैकिंग में उपलब्ध है। नरसिंहपुर जिले के 40 से 50 किसानों से स्व सहायता समूहों और एफपीओ द्वारा पारंपरिक तरीके से तुअर की देशी प्रजातियां और शोध के बाद तैयार की गई नवीनतम प्रजातियों से तुअर उत्पादन करते हैं। गाडरवारा की दाल शीघ्र पकने के लिए मशहूर है इसके साथ-साथ मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्व सहायता समूह अपने उत्पाद यहां लेकर विक्रय एवं प्रदर्शन करेंगे। जिसमें रीवा से लकड़ी के खिलौने भी प्रसिद्ध हैं और छतरपुर से मिट्टी की सामग्री भी उपलब्ध है।अलीराजपुर से बाग प्रिंट, उज्जैन से बाग प्रिंट कपड़े, देवास से लेटर आइटम, सागर से कपड़े, धार से बाग लेडीज कपड़े, टीकमगढ़ से चादर, गुना से ब्लॉक प्रिंट कपड़े, रीवा से लकड़ी के खिलौने, रायसेन आयुर्वेदिक चूर्ण, भेल पुरी,सेव पुरी, अशोकनगर से चंदेरी साड़ी सूट, छतरपुर से मिट्टी के बर्तन मिट्टी के तवे, मिट्टी की कढ़ाई एवं टेरा कोटा, दमोह से बरी, पापड़, बिजोरे, बालाघाट से खाद्य सामग्री में चने, चावल, गुड़, सत्तू आदि सामग्री उपलब्ध रहेंगी। उपरोक्त के अलावा भोपाल हाट परिसर में विभिन्न व्यंजनों का आनंद भी लिया जा सकता है। मेले का खुलने का समय प्रातः 11:00 से रात्रि 9:00 तक रहेगा। |