सहकारी समितियों एवं विपणन संस्थाओं के चयन की प्रक्रिया जारी
सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत पात्र संस्थाओं को अगले 3 वर्ष में लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं एवं विपणन संस्थाओं के चयन की प्रक्रिया जारी है। आत्मनिर्भर भारत अंतर्गत सहकारिता विभाग द्वारा कृषि अधोसंरचना निधि से वर्ष 2020-21 में 251 संस्थाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक विभाग द्वारा 160 संस्थाओं का चयन किया जाकर नेपकोन द्वारा कुल 14.40 करोड़ रुपए की 23 डीपीआर भी प्रस्तुत की गई हैं।
मंत्री डॉ. भदौरिया ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत कृषि अधोसंरचना कोष से पात्र प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां, मार्केटिंग सोसायटी तथा बहुउद्देशीय सहकारी समितियों को ऋण सुविधा दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम 4 वर्ष के लिए प्रदेश के समस्त विभागों हेतु कुल मिलाकर 7440 करोड़ रुपए का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों एवं विपणन संस्थाओं के चयन हेतु संभागवार वेबीनार से प्रशिक्षण आयोजित किया जा चुका है। योजना अंतर्गत पात्र समितियों तथा उनकी गतिविधियों के चयन की प्रक्रिया जारी है।
इस वर्ष 25 प्रतिशत अधिक फसल ऋण वितरित
मंत्री डॉ. भदौरिया ने बताया कि किसानों को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंको से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2020- 21 में 12 हजार 53 करोड़ रुपए का फसल ऋण किसानों को वितरित किया गया है जबकि पिछले वर्ष 2019- 20 में 9 हजार 646 करोड़ रुपए का फसल ऋण वितरित किया गया था इस प्रकार गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष किसानों को 25 प्रतिशत अधिक फसल ऋण का वितरण किया गया।
पीएम किसान योजना के 63 हजार से अधिक हितग्राहियों को केसीसी जारी
सहकारिता विभाग द्वारा इस वर्ष 2020 - 21 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के हितग्राहियों को चिन्हित कर सभी पात्र 63 हजार 96 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। जिनमें से अभी तक 49 हजार 276 कृषकों को 175.96 करोड़ रुपए फसल ऋण का लाभ भी दिया जा चुका है। किसानों के अलावा प्रदेश में पशुपालकों, मत्स्य पालकों एवं अन्य कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराएं गए है ऐसे 14271 हितग्राहियों को कुल 4145.67 लाख रुपए की कार्यशील पूंजी साख सीमा स्वीकृत की जाकर लाभान्वित किया गया।
गत वर्ष की अपेक्षा 3 लाख मी. टन से अधिक उर्वरक वितरित
प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से वर्ष 2019-20 में 18.04 लाख मैट्रिक टन रासायनिक उर्वरक वितरित किया गया था जबकि वर्ष 2020 -21 में 21.13 लाख मैट्रिक टन रासायनिक उर्वरक वितरित किया गया है। जो कि गत वर्ष की अपेक्षा 3.09 लाख मैट्रिक टन अधिक है। राज्य शासन के निर्देशानुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी साख द्वारा रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भंडारण योजना का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है।
उपार्जन से 1.25 लाख लोगों को मिला रोजगार
रबी विपणन वर्ष 2020 - 21 में कोरोना महामारी संकट के बावजूद प्रदेश में रिकॉर्ड 129 . 42 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया है जो कि एक कीर्तिमान है।गेहूं उपार्जन के लिए किसानों को इस वर्ष 24913 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया तथा लगभग 1.25 लाख स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया।