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महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य योजनाओं पर फोकस करें

 

 जिला पंचायत में हुई बैठक में निर्देश 
जिला पंचायत सभागार में बुधवार को संपन्न बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास के अमले को लाड़ली लक्ष्मी, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा एवं प्रसूति सहायता सहित चारों योजनाओं के हितग्राहियों को पारदर्शिता के साथ समय पर लाभांवित करें जिससे हितग्राही को बेवजह भटकना ना पड़े और ना ही कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़े। 
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री विकास मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में सिविल सर्जन, समस्त कार्यक्रम अधिकारी/नोडल अधिकारी, अस्पताल अधीक्षक, विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी, यूएचबी प्रभारी, सेक्टर मेडिकल ऑफिसर, जिला एवं विकास खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक, जिला एवं विकास खण्ड कम्युनिटी मोबेलाईजर, जिला एवं विकास खण्ड लेखा प्रबंधक, डीपीएचएमओ, बीईई संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।  
 सीईओ श्री विकास मिश्रा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग आपसी समन्वय कर एक पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करें। दोनों विभागों की योजनाओं में प्रथम चरण में ही हितग्राहियों की जानकारी एवं अन्य प्रविष्ठियां सुनिश्चित की जाएं ताकि हितग्राही को समय पर लाभ मिले। स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग एकीकृत प्रयासों से ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए। महिला एवं बाल विकास डोर टू डोर सर्वे कर सटीक आंकड़ें जुटाए ताकि कोई भी पात्र हितग्राही इन योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।
श्री मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आरोग्य केन्द्र वेलनेस सेंटर के रूप में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दें। आरोग्य केन्द्र में सभी जरूरी उपकरण हों, दवाईयां हों, स्वास्थ्य विभाग का प्रशिक्षित अमला हो। सामान्य प्रसव की सभी सुविधाएं उपलब्ध हों ताकि छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिये ग्रामीणों को भोपाल नहीं आना पड़े। उन्होंने महिला एवं बाल विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र की समस्त मरम्मत योग्य आंगनवाड़ियों की सूची तैयार करें ताकि प्राथमिकता के तौर पर सभी आंगनवाड़ियों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। उन्होंने कहा कि ग्राम में होने वाले कार्यक्रमों में कोटवार को अवश्य रूप से सम्मिलित करें ताकि ग्रामीणों की वास्तविक समस्याओं का आकलन किया जा सके। सभी विभागीय अधिकारी अपने-अपने अधीनस्थ अमले से कम से कम सप्ताह में एक दिन वन टू वन चर्चा करें एवं मैदानी अमले का उत्साहवर्धन करें।  

 हुई बैठक में निर्देश 

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