शासन ने तैयार की कड़कनाथ पालन योजना, लाभान्वित होंगे 300 अजजा सदस्य-----
कोरोना काल में प्रदेश के प्रसिद्ध कड़कनाथ की देश में बढ़ती माँग को देखते हुए राज्य शासन ने इसके उत्पादन और विक्रय को बढ़ाने के लिये विशेष योजना तैयार की है। इससे कुक्कुट पालकों की आय में भी इजाफा होगा। कड़कनाथ का शरीर, पंख, पैर, खून, मांस सभी काले रंग का होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ कम वसा, प्रोटीन से भरपूर, हृदय-श्वास ओर एनीमिक रोगी के लिए लाभकारी है। कड़कनाथ पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के अधिकृत विक्रेता चिकन पार्लर पर लोगों के लिये उपलब्ध है।
कड़कनाथ की विशेषताएँ
तत्व | कड़कनाथ | अन्य प्रजातियाँ |
विकास का समय | 90-100 दिन | 40-45 दिन |
वजन | 1250 ग्राम/ 90-100 दिन | 2 कि.ग्रा./40-45 दिन |
क्रूड प्रोटीन | 25%-27% | 17%-18% |
कैलोरी | 2400-2500 कैलोरी | 3250-2800 कैलोरी |
फैट | 0.73 से 1.03 % | 13 से 25 % |
कोलेस्ट्राल | 184.75 मि.ग्रा./100 ग्राम | 218.12 मि.ग्रा. |
लिनोलिक एसिड | 24 % | 21 % |
बीमारियाँ | कम संक्रामक | अधिक संक्रामक बेक्टीरियल एवं वॉयरल बीमारियाँ |
पालन से लाभ | ब्राण्डेड वेल्यू तथा नियमित आय के साथ अधिक दर पर विक्रय | सामान्य वेल्यू तथा कम दरों पर विक्रय |
अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे. एन. कंसोटिया ने बताया कि कड़कनाथ कुक्कुट पालन को सहकारिता के माध्यम से बढ़ावा देने के लिये कड़कनाथ के मूल जिलों- झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार जिलों की पंजीकृत कड़कनाथ कुक्कुट पालन समितियों के अनुसूचित जनजाति के 300 सदस्यों को एन.एल.आर.एम. में प्रशिक्षण भी दिया गया है। झाबुआ जिले का चयन कड़कनाथ की मूल प्रजाति के लिये प्राप्त जी.आई. टेग के कारण किया गया है। योजना में 33 प्रतिशत महिलाओं को स्थान दिया गया है।
हितग्राहियों को मिलेंगे 28 दिन के चूजे नि:शुल्क
प्रत्येक चयनित हितग्राही को नि:शुल्क 28 दिन के वैक्सीनेटेड 100 चूजे, दवा, दाना-पानी का बरतन और प्रशिक्षण देने के साथ ही उनके निवास पर शेड भी बनाकर दिया जायेगा। राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम पालन-पोषण, प्रशिक्षण, मॉनिटरिंग, दवा प्रदाय और मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।