Type Here to Get Search Results !

रासायनिक रोगाणु-नाशक द्रव्यों का उपयोग निर्जीव वस्तुओं को डिसइन्फेक्ट करने के लिये है

किसी भी परिस्थिति में व्यक्तियों अथवा समूहों पर छिड़काव नहीं किया जाये-------


कोविड-19 प्रबंधन के लिये व्यक्तियों पर किसी भी परिस्थिति में डिसइन्फेक्टेड, रोगाणु-नाशक द्रव्यों का छिड़काव नहीं किया जाये। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस संबंध में पारित आदेश के तारतम्य में स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा सभी कलेक्टर, आयुक्त नगरीय प्रशासन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक को निर्देश प्रसारित किये गये हैं, जिसमें निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।


स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि रासायनिक रोगाणु-नाशक द्रव्यों का उपयोग कोविड-19 के संदिग्ध अथवा पुष्ट रोगियों के उपयोग और बार-बार सम्पर्क में आने वाले स्थलों और सतहों पर ही किये जाने की अनुशंसा की गई है। किसी भी परिस्थिति में व्यक्तियों अथवा समूहों पर रोगाणु-नाशक द्रव्यों के छिड़काव की अनुशंसा नहीं की गई है।


रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणु और अन्य हानिकारक सूक्ष्म विषाणुओं को नष्ट करने की क्षमता रोगाणु-नाशक रासायनिक द्रव्यों में होती है। रोगाणु-नाशक रासायनिक द्रव्यों के तीव्र रासायनिक गुण-धर्म को ध्यान में रखते हुए इन द्रव्यों और रसायनों का प्रयोग निर्जीव वस्तुओं को डिसइन्फेक्ट करने के लिये किया जाता है। कोविड-19 के संदिग्ध अथवा पॉजिटिव व्यक्तियों की बाहरी त्वचा पर रोगाणु-नाशक छिड़काव करने का कोई लाभ नहीं होता, क्योंकि शरीर में प्रवेश कर चुके वायरस पर इन द्रव्यों का कोई प्रभाव नहीं होता। इसके साथ ही इसके भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। क्लोरीन के छिड़काव के दौरान सम्पर्क में आने से आँखों अथवा त्वचा में जलन हो सकती है। पाचन प्रक्रिया पर दुष्प्रभाव और सोडियम हाइपोक्लोराइट रसायन के इन्हेल करने से नाक, गला और श्वसन तंत्र में जलन हो सकती है। इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निर्देश जारी किये गये हैं।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.