पशुपालन विभाग के अंतर्गत नंदी शाला योजना में ग्राम पंचायत स्तर पर प्रदेश के पशुपालकों को अपनी गायों के नस्ल में सुधार के लिये प्राकृतिक गर्भाधान सेवाओं के लिये उन्नत नस्ल के सांड जैसे साहीवाल, थरपारकर, हरियाणा, गिर, गौलव, मालवी, निमाडी, केनकथा आदि सब्सिडी स्तर पर उपलब्ध कराए जाते हैं।
इस योजना का लाभ राज्य के ऐसे सभी पशुपालकों को मिलेगा जिनके पास पर्याप्त कृषि भूमि के साथ न्यूनतम 5 गायें हो अथवा जिन पशुपालकों के पास कृषि भूमि नहीं परन्तु 20 गायें हों।
इस योजना का लाभ लेने के लिये आवेदक को ग्राम पंचायत में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। खंड स्तरीय पशु चिकित्सा विकास अधिकारी तथा जिला पंचायत कृषि स्थायी समिति द्वारा आवेदकों का चयन किया जाएगा। चयनित लाभार्थी को पशु चिकित्सा विभाग से अनुबंध करना अनिवार्य होगा।
योजना के अंतर्गत नंदी शाला स्थापित करने के लिये कुल लागत 25 हजार 720 रूपए का 75 प्रतिशत सरकार द्वारा दिया जाएगा तथा शेष 25 प्रतिशत राशि लाभार्थी को स्वयं अपने पास से व्यय करना होगी।