प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध संचालित अभियान में 21 अगस्त से 4 सितम्बर तक विभिन्न खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी के 145 प्रकरणों में 13 लाख 43 हजार 9 रुपये का जुर्माना किया गया।
नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने बताया कि अपने क्षेत्र में खाद्य पदार्थों के नमूनों की कम जाँच करने वाले खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से जवाब तलब भी किया गया है। इसके साथ ही ऐसे क्षेत्रों में जहाँ पर खाद्य पदार्थों में मिलावट की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहाँ प्राथमिकता से अधिक से अधिक नमूने लेकर उनका परीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। 'ईट राइट चैलेंज'' में शामिल जिलों को दिये गये लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति के निर्देश भी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दिये गये हैं। 'ईट राइट चैलेंज'' में शामिल जिलों को लायसेंस, रजिस्ट्रेशन संख्या में वृद्धि, क्लीन स्ट्रीट फूड हब, ईट राइट स्कूल और जन-जागरूकता के कार्यक्रम शामिल हैं।
खाद्य पदार्थों में मिलावट के विरुद्ध 21 अगस्त, 2020 से की गई कार्यवाही में जाँच के लिये कुल 3800 नमूनों का निरीक्षण किया गया। राज्य खाद्य प्रयोगशाला द्वारा जारी 2224 नमूनों की रिपोर्ट में 1903 मानक स्तर के पाये गये और 144 नमूने अवमानक पाये गये, जबकि मिथ्याछाप नमूनों की संख्या 145 और 14 नमूने असुरक्षित पाये गये। अन्य धाराओं में प्रतिबंधित नमूनों की संख्या 18 है। न्याय निर्णयन अधिकारी के समक्ष दर्ज 147 प्रकरण और न्याय निर्णयन अधिकारी द्वारा 145 प्रकरणों में निर्णय लिया गया, जिनमें 13 लाख 43 हजार 9 रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। सीजेएम न्यायालय में 29 प्रकरण दर्ज हैं। कार्यवाही में 6 लाख 53 हजार रुपये के अर्थदण्ड की वसूली भी की जा चुकी है।