किसानों के पारंपरिक ज्ञान से समन्वय कर उत्पादन बढ़ाने पर जोर,संभागायुक्त और तीन जिलों के कलेक्टर हुए सम्मिलित |
संभाग आयुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने कहा है कि कृषकों के पारंपरिक ज्ञान को विज्ञान और तकनीकी से समन्वय कर फसलों का उत्पादन बढ़ाकर आय में वृद्धि के स्त्रोत उत्पन्न करना किसान खेत पाठशाला अभियान का उद्धेश्य होना चाहिए। श्री कियावत आज मंगलवार को सीहोर जिले में किसान खेत पाठशाला अभियान के मास्टर ट्रेनर्स को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर भोपाल कलेक्टर श्री अविनाश लावानिया, विदिशा कलेक्टर श्री पंकज जैन, सीहोर कलेक्टर श्री अजय गुप्ता, ज़िला पंचायत सीइओ भोपाल श्री विकास मिश्रा, सीईओ सीहोर श्री हर्ष सिंह भी उपस्थित थे। श्री कियावत ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कृषको की आय को दोगुना करना है। उपलब्ध संसाधनों से ही किस प्रकार बेहतर फसल उत्पादन हो सके यह बात ग्रामीण स्तर तक पहुंचानी है। किसानों की लागत में कमी लाना, बीज-खाद-कीटनाशक प्रबंधन आदि की जानकारी, सिंचाई के लिए उपकरणों की जानकारी, फसल कटाई से पूर्व व बाद का प्रबंधन, मृदा परीक्षण की उपयोगिता, पोषण संवेदी कृषि के प्रति जागरूकता, पशुपालन के लिए कृषको को प्रेरित कर दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि, पशु आहार प्रबंधन, पशुओं का उपचार आदि की जानकारी किसानों को प्रदान करते हुए उन्हें यह भी समझना है कि किस प्रकार वे अपने खेत की मेढ़ पर फलदार वृक्ष ऊगा सकते हैं, खाली पड़ी ज़मीन पर फल या बेल-नुमा सब्ज़ी के पौधे लगा सकते हैं। कृषकों के पारंपरिक ज्ञान को विज्ञान व तकनीक से मज़बूती प्रदान करके उनकी आय में वृद्धि के स्त्रोत उत्पन्न करना है। संभागायुक्त ने राजस्व, पंचायत, कृषि, उद्यानिकी विभाग आदि को निर्देशित किया कि सभी आपस मे समन्वय कर इस अभियान को सफल बनायें। ग्राम पंचायत स्तर पर परंपरागत व्यवस्थाओं के साथ साथ तकनीक व प्रबंधन के ज़रिए कृषकों की आय बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होने यह भी निर्देश दिए कि किसानों से नरवाई प्रबंधन के बारे में बात अवश्य की जाए। ज़िला प्रशासन ज़िले में आने वाले हार्वेस्टरों की जांच कर बिना रिपर वाले हार्वेस्टर को ज़िले में नहीं आने दिया जाए। नरवाई जलाने से मिट्टी की गुणवत्ता नष्ट होती जाती है और मिट्टी में रहने वाले कृषक मित्र जीव जैसे केंचुआ भी मर जाता है। कृषको को नरवाई न जलाने के लिए प्रेरित करें और उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए। श्री कियावत ने कहा कि हमारा किसानों से सीधा संवाद होना चाहिए ताकि आपदा की स्थिति में भी हम उनके साथ मिलकर समस्या से लड़ सकें। एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से समय समय पर किसानों को सही जानकारी भी भेजी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर प्रदर्शनी लगाने के भी निर्देश दिए। प्रदर्शनी में कृषि संबंधी सभी आयामो पर चर्चा,पौधे रोपने की बारीकियां और शासन द्वारा कृषकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी आदि दी जाएगी। कार्यशाला में कृषि महाविद्यालय के डीन सहित अन्य संबंधित अधिकारी, वैज्ञानिक व मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित थे। कार्यशाला को भोपाल, सीहोर तथा विदिशा कलेक्टर ने भी संबोधित किया। |