विधानसभा उप निर्वाचन-2020 की आचार संहिता प्रभावशील होने से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित किये जाने वाले प्रस्ताव का परीक्षण/अनुशंसा करने के लिये राज्य शासन द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी गठित की गई है।
इस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग तथा जिस विभाग का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जायेगा, उसके अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव भी कमेटी के सदस्य होंगे।
जारी आदेश के मुताबिक अब कोई भी विभाग विधानसभा उप निर्वाचन के संदर्भ में जारी आचार संहिता के दौरान अपना प्रस्ताव स्क्रीनिंग कमेटी के परीक्षण/अनुशंसा के पूर्व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से अथवा सीधे भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित नहीं करेगा। स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पूर्व प्रशासकीय विभाग भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों/स्पष्टीकरण का पर्याप्त अध्ययन और उसके अनुसार परीक्षण करते हुए भारत निर्वाचन आयोग के सुसंगत निर्देशों/आदेशों का हवाला देते हुए उसे संदर्भित करेगा। प्रशासकीय विभाग को अपने प्रस्ताव में यह औचित्य भी दर्शाना होगा कि प्रस्ताव अत्यंत महत्वपूर्ण क्यों है और निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक इसे क्यों नहीं रोका जा सकता है।
भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित किया जाने वाला प्रस्ताव स्वयं स्पष्ट टीप के रूप में भेजा जायेगा न कि नस्ती के रूप में। प्रस्ताव भेजने के पूर्व भारत निर्वाचन आयोग के निर्णय में लगने वाले संभावित समय का विशेष ध्यान रखना होगा। प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे। जो प्रस्ताव उक्त मापदण्डों की पूर्ति करते हुए नहीं होंगे, उन्हें लौटा दिया जायेगा।