जिला एवं सेक्टर स्तर पर रेपिड रिस्पांस टीम गठित होंगी
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश ने समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं समस्त जिला मलेरिया अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वर्तमान में प्रदेश में भारी वर्षा होने के कारण कुछ जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कोविड-19 महामारी एवं बाढ़ की स्थिति में वैक्टर जनित रोग मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के प्रकरणों में वृद्धि ना हो इसलिए प्रकोप को रोकने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं एवं प्रतिबंधात्मक गतिविधि सतत रखी जायें।
भारत सरकार ने बाढ़ की स्थिति में वैक्टर जनित रोग नियंत्रण हेतु की जाने वाली गतिविधि के संबंध में एडवाइजरी जारी की है।
सभी जिले मुख्यता बाढ़ प्रभावित जिले कोविड-19 के साथ-साथ वेक्टर जनित रोग नियंत्रण हेतु सर्वेलेंस कार्य में वृद्धि की जाए इस कार्य के लिए आवश्यक है कि उप स्वास्थ्य केंद्र एवं ग्राम स्तर पर मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोग की त्वरित जांच कर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कराई जाए । जिससे किसी भी प्रकार के आउटब्रेक होने से रोका जा सके।
विगत 4 वर्षों एवं वर्तमान वर्ष में रिपोर्ट मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोग के प्रकारों के महावार एपीडेमिक स्थिति का ग्राफ तैयार किया जाए एवं शुरुआती अवस्था में किसी भी प्रकार की वृद्धि पाए जाने पर संबंधित क्षेत्र में तुरंत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें।
समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ताओं के पास पर्याप्त दवा एवं रैपिड डायग्नोस्टिक किट उपलब्ध की जाए।
वेक्टर नियंत्रण हेतु आवश्यक सामग्री एवं उपकरण कीटनाशक, लार्बीसाइड की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें।जिला स्तर एवं सेक्टर स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाए। टीम के पास समस्त आवश्यक दवा एवं जांच किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। टीम के भ्रमण हेतु वाहन उपलब्ध कराए जाएं। समस्त जिले में सेंटीनल सर्विलेंस साइट, हॉस्पिटल को क्रियाशील रखा जाए एवं आवश्यक दवा एवं जांच किट का पर्याप्त स्टॉक रखा जाए।
आईडीएसपी के साथ समन्वय स्थापित कर वेक्टर जनित रोग से संबंधित आवश्यक डाटा विश्लेषण कर नियमित मॉनिटरिंग की जाए।जिले में आउटब्रेक, महामारी नियंत्रण हेतु कंट्रोल रूम स्थापित किए जाए। जिसकी जानकारी प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ताओं को दी जाए ।
जिला मलेरिया अधिकारी, जिला व्ही. बी.डी. सलाहकार द्वारा नियमित रूप से भ्रमण कर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण गतिविधियों की सतत मानिटरिंग कर आवश्यक कार्रवाई की जाए । जिले में किसी भी प्रकार के बुखार के रोगियों की वृद्धि की जानकारी तत्काल रुप से राज्य स्तर पर प्रतिदिन प्रेषित किए जाने वाली दिल्ली रिपोर्ट में सम्मिलित कर रिमार्क कॉलम में प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी भी उल्लेखित करें।