विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओम प्रकाश सखलेचा ने कहा है कि विज्ञान में हुए अनुसंधान और विकास का उपयोग प्रदेश में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों को मजबूत बनाने में किया जाएगा जिससे इसका लाभ आम आदमी तक पहुँचे। मंत्री श्री सखलेचा विज्ञान भवन में भारत की विज्ञान प्रोद्योगिकी एवं नवाचार नीति 2020 विषय पर बेविनार को सम्बोधित कर रहे थे।
श्री सखलेचा ने कहा कि विज्ञान का मूल उद्देश्य शांति और समृद्धि है। विज्ञान में अन्वेषण और अनुसंधान की शुरूआत भारत से हुई और देश के भावी स्वरूप को निर्धारित करने में भी भारत की अहम भूमिका रहेगी। दुनिया में भारत का महत्व बढ़ा है और आज हमारा देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नेतृत्व कर रहे देशों में शामिल हो चुका है। राज्य सरकार मध्यप्रदेश को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाने के लिए पूरी शक्ति लगाने को तैयार है।
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकॉस्ट) एवं विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में इस बेवीनार का आयोजन किया गया था।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि समाज के हर वर्ग से प्रदेश की विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति 2020 बनाने के लिए विचारों को आमंत्रित किया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के सलाहकार एवं समूह प्रमुख डॉ. अखिलेश गुप्ता ने 'विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति 2020 और राज्यों से अपेक्षायें' विषय पर प्रेजेंटेशन देते हुए कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को उद्योगों और समाज से जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व में रिसर्च जर्नल्स के प्रकाशन में हम तीसरे नबंर पर हैं। स्टार्ट अप्स के क्षेत्र में भी हमारा तीसरा स्थान है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि हमने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2020 में सहभागिता के लिए चार ट्रेक बनाये हैं। मध्यप्रदेश में म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
विचार-विमर्श में परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी, प्रो.शिवा उमापति, निदेशक आइसेर, भोपाल, डॉ.सरमन सिंह, निदेशक, एम्स, भोपाल, डॉ.अविनाश कुमार श्रीवास्तव, निदेशक, सीएसआईआर-एम्प्री, भोपाल, प्रो. सुनील कुमार गुप्ता, कुलपति आरजीपीवी, भोपाल आदि ने विचार व्यक्त किये।