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उड़द, मूँग और सोयाबीन में पीला मोजेक का बचाव करें - वैज्ञानिक सलाह -

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से उड़द, मूँग और सोयाबीन में पीला मोजेक एवं कीट व्याधियों के बचाव हेतु सलाह जारी की है। उड़द, मूँग और सोयाबीन में पीला मोजेक रोग एक विषाणु जनित रोग है, जो सफेद मक्खी नामक कीट के द्वारा फैलता है। रोग कारक पौधों की पत्तियों में हरे पर्णरिम के बीच-बीच में पीले दाग बनते हैं, जो आपस में मिलकर पूरी पत्ती को सुखा देते हैं। यह रोग आरंभिक अवस्था में लग जाये तो उपज में शत प्रतिशत हानि संभव है।
     कृषक पीला मोजेक बचाव हेतु पुराने बीजों का उपयोग नहीं करें।  नई पीला मोजेक अवरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए और सोयाबीन में जे.एस. 95-60, जे.एस. 20-69, जे.एस. 20-34, आर.वी.एस. 2001-04 आदि किस्में पीला रोग अवरोधी विकसित की गई हैं साथ ही किसानों को बीजों को बोने से पहले विटावेक्स 2.5 ग्रा.कि.ग्रा. बीज अथवा ट्राइकोडर्मा नामक जैविक फफूंदनाशी की 5 ग्रा.कि.ग्रा. बीज से उपचारित करके बोना चाहिए। आमतौर पर किसानों के खेतों में जो खरपतवार होते हैं वो सफेद मक्खी के लिए छुपने का कार्य करते हैं इसलिए खेतों के अन्दर और आसपास मेड़ों पर सफाई रखना चाहिए।
     कृषकों को फसल चक्र, गर्मी में गहरी जुताई, खाद, उर्वरक एवं दवाओं की उचित मात्रा का प्रयोग सही समय पर करना चाहिए। अगेती बुवाई (जून में) करने पर भी पीला मोजेक का प्रकोप बहुत होता है। कृषकों को उचित दूरी पौध से पौध बनाये रखने के लिए सीडड्रिल का उपयोग करना चाहिए। कतार से कतार की दूरी 30-40 सेंटीमीटर अति आवश्यक होती है। जब पौधों में रोग आना शुरू हो उसी समय तत्काल रोग ग्रसित पौधों को उखाड़कर खेत से दूर एक गड्डे में दबा देना चाहिए। रासायनिक दवाओं का उपयोग अंतिम विकल्प के रूप में किया जाना चाहिए। अन्य रासायनिक दवाओं में एफिडोपायरोपेन 400 मिली अथवा पाईमेट्रोजीन 120 ग्राम अथवा डिनोटेफ्युरान 80 ग्राम अथवा फ्लोनिकामिड 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ प्रभावित फसल पर छिड़काव कर सकते हैं। रस चूसक कीटों के लिए पूर्व मिश्रित दवा लैम्बडा सयहलोथ्रिन थियामेथोक्सम दवा भी कारगर होती है।
    कृषकों को दवाओं का उपयोग करने में सावधानियाँ रखना चाहिए। मुँह, नाक, आँख आदि को ढक कर रखना चाहिए। हवा की विपरीत दशा में छिड़काव नहीं करना चाहिए। छिड़काव मौसम खुला होने पर शाम के समय करना चाहिए।
 


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