सीएमएचओ से अनुमति लेकर कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज में आइसीएमआर की एसओपी का पालन करना होगा-----
शहर में संचालित समस्त अशासकीय चिकित्सालय, नर्सिंग होम भी कोरोना का इलाज कर सकेंगे। इसके लिए कोई भी संक्रमित व्यक्ति अपने निजी खर्च पर इलाज करा सकेगा। कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने समस्त अशासकीय चिकित्सालय, नर्सिंग होम के प्रबंधकों और संचालकों से कहा है कि वे कोविड-19 में जारी प्रोटोकॉल और एसओपी का पालन कर अपने अस्पतालों में कोविड केयर सेंटर अथवा कोविड-19 वार्ड बना सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोविड-19 में जारी गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा।
कलेक्टर ने समस्त अस्पताल संचालकों से कहा है कि वे कोविड-19 केयर सेंटर के रूप में अस्पताल को चिन्हित कराना चाहते हैं तो वह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल को अवगत करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल संचालक कोविड-19 अंतर्गत सभी मेडिकल उपकरणों के साथ ही आईसीयू वार्ड भी बनाएं और ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था भी रखें ताकि गंभीर अवस्था में आने वाले कोरोना मरीजों को समुचित उपचार प्राप्त हो सके। उन्होंने संचालकों को निर्देश दिए हैं कि प्राय: अस्पताल परिसर में अन्य बीमारियों से संबंधित व्यक्ति भी अपना इलाज कराने के लिए आते हैं जिससे उन्हें भी कोरोना संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है। इसके लिए विशेष सावधानियों के साथ कोविड-19 केयर सेंटर अथवा वार्ड बनाये जाएं, ताकि संक्रमित व्यक्ति की जांच, स्क्रीनिंग और उपचार संबंधी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सके।
कलेक्टर ने कहा कि शहर में कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए मुख्य रूप से एम्स, हमीदिया और चिरायु अस्पताल चिन्हित किए गए हैं। साथ ही शहर में क्वॉरेंटाइन सेंटरों के रूप में विभिन्न स्थानों पर कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए हैं। आमजनों की सहूलियत और जरूरतों के हिसाब से अशासकीय अस्पतालों को भी अब कोविड-19 के उपचार के लिए चिन्हित किया गया है जिससे मरीज अब अपनी सहूलियत के तहत उचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।
कलेक्टर ने सभी समस्त अनुविभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे शहर में चिन्हित किए गए अशासकीय अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर वहां की सभी व्यवस्थाएं देखें और कोविड-19 का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों पर दंडात्मक कार्यवाही करें।