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सशक्त महिलायें बनाएंगी सशक्त मध्यप्रदेश"

केवल बड़े उद्योग नहीं घर-घर की उद्यमशीलता प्रदेश को बनायेगी आत्मनिर्भर
सरकारी खरीद में स्व-सहायता समूहों को मिलेगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया स्व-सहायता समूह क्रेडिट केम्प का शुभारंभ
164 करोड़ का ऋण वितरण तथा 70 करोड़ के रिवोलविंग फण्ड को स्वीकृति


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सशक्त महिलाएँ ही प्रदेश को सशक्त बनाएंगी। केवल बड़े उद्योग आने से कोई प्रदेश बड़ा नहीं बनता। घर-घर की आत्मनिर्भरता से आत्मसम्मान और विश्वास पैदा होता है। कोरोना काल में महिलाओं के स्व-सहायता समूहों ने देश के सामने नई मिसाल प्रस्तुत की है। यह क्रम आगे भी जारी रहेगा और इसका विस्तार होगा। अब-तक 33 लाख महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी है। हमें अगले तीन साल में 33 लाख और महिलाओं को समूहों से जोड़कर आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करना है। श्री चौहान आज मिंटो में हॉल में आयोजित स्व-सहायता समूहों को बैंक ऋण वितरण के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।









ऋण सीमा 300 करोड़ से बढ़कर हुई 1400 करोड़


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार स्व-सहायता समूहों की सहायता और मार्गदर्शन के लिये सदैव तत्पर है। बैंकों के माध्यम से ऋण सीमा 300 करोड़ से बढ़ाकर 1400 करोड़ कर दी गई है। यह भी निर्णय लिया गया है कि बैंक ब्याज दर चार प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी। इसके ऊपर का ब्याज राज्य सरकार देगी। श्री चौहान ने बैंकर्स को आश्वस्त करते हुए कहा कि स्व-सहायता समूहों का रिपेमेंट 97 प्रतिशत से ज्यादा है। उनको दिया गया लोन सबसे अधिक सुरक्षित है।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों और विपणन के लिये विकसित स्व-सहायता पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही स्व-सहायता समूहों को सिंगल क्लिक से 70 करोड़ रूपये के रिवोलविंग फण्ड और सामुदायिक निवेश निधि की राशि अंतरित की। प्रदेश में 164 करोड़ रूपए के ऋण वितरण के प्रतीक स्वरूप कुछ महिला स्व-सहायता समूहों को स्वीकृत ऋण के चेक भी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदान किये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न जिलों के हितग्राहियों से चर्चा भी की। मिंटो हॉल भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल वीडियों कांन्फ्रेंसिंग द्वारा सतना से शामिल हुए। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मनोज श्रीवास्तव, राज्य स्तरीय बैंकर कमेटी के संयोजक श्री एस.डी महोरकर तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कोरोना से बचाव की सावधानियों का पालन करते हुए स्व-सहायता समूहों की सदस्याओं ने मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कार्यक्रम में भाग लिया।


हर विपदा से बचाने में सक्षम हैं महिलायें


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों को समाज में बराबरी का स्थान दिलाने के लिये राज्य सरकार हर पहलू पर कार्य कर रही हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरूआत हो या स्कूलों में पढ़ाई के लिये दी जाने वाली सुविधाएं, लक्ष्य यही है कि महिलाओं को बराबरी का स्थान मिलें। आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिये स्व-सहायता समूहों से महिलाओं को जोड़ा गया है, यह पहल एकता में शक्ति के सिद्धांत पर की गयी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एकता में बल पर एक प्रेरक प्रसंग भी समूह की महिलाओं को सुनाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी परंपरा में बहन-बेटी का सम्मान सर्वोपरि है। धार्मिक मान्यता में भी महिलाओं को सर्व शक्तिमान माना गया। प्रदेश की महिलाओं ने कोरोना काल में यह सिद्ध करके दिखा दिया कि वे हर विपदा से बचाने में सक्षम है। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनायें गये मास्क और पीपीई किट ने आम लोगों और सरकार की बहुत सहायता की। समूहों द्वारा तैयार सामग्री स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों द्वारा खरीदी गई।


सरकारी खरीद में स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकारी खरीद में स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी। आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित होने वाले रेडी-टू-इट पोषण आहार का उत्पादन और वितरण भी स्व-सहायता समूह करेंगे। शाला स्तर पर गणवेश का कार्य भी स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित किया जाएगा। इसमें स्व-सहायता समूहों को पूर्ण स्वायत्तता दी जाएगी।


परिवेश के अनुरूप चुने गतिविधि









साहूकारों के ऋण से मिली आजादी


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से देवास जिले के ग्राम खाताखेड़ी की आशा आजीविका स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती साधना नागर ने चर्चा करते हुए बताया कि समूह बनने से गाँव की महिलाएं साहूकारों के ऋण से मुक्त हुई हैं। अब जरूरत के समय समूह से मदद मिल जाती है। श्रीमती नागर ने कहा कि उन्होंने स्वयं भी कपड़े की दुकान आरंभ की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की भी यही मंशा है कि प्रदेश के लोग साहूकारों के चंगुल से मुक्ति पाएँ। इसके लिये कड़े नियम भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों को यह भी देखना है कि सरकार जो योजनाएं चला रही है वो गाँवों में ठीक से चल रही है या नहीं। कोई गड़बड़ी हो तो उसकी जानकारी भी देनी है, जिससे सरकार कार्यवाही कर सके। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूह कोरोना से बचाव के लिये भी लोगों को सचेत करें।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं की पढ़ाई और सशक्तिकरण से परिवार और समाज आगे बढ़ता है। उन्होंने शिवपुरी, शहडोल, बैतूल, होशंगाबाद, डिण्डोरी के स्व-सहायता समूहों में सक्रिय महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि इनसे प्रेरणा लेकर अन्य स्व-सहायता समूहों को भी पहल करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लोकल को वोकल बनाने पर लगातार काम कर रहे हैं। महिला समूहों को भी अचार, चटनी, पापड़ के साथ-साथ उनके परिवेश में उपलब्ध अन्य सामग्रियों व लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पादन और आर्थिक गतिविधियां आरंभ करना चाहिए।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व-सहायता समूहों की सदस्यों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि सरकार हर परिस्थिति में आपके साथ है। किसी भी स्थिति में घबराने, निराश होने की आवश्यकता नहीं है। माताओं-बहनों ने उद्यमशीलता की दिशा में जो कदम उठाया है, उससे वे परिवार और समाज को प्रगति के पथ पर अग्रसर करेंगी और प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएंगी।









पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष प्रशिक्षण


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य‍ शासन स्व-सहायता समूहों को उत्पादन, पैकेजिंग, मार्केटिंग में प्रशिक्षण की व्यवस्था भी कर रही है। इसके लिये राज्यस्तर पर संस्थान आरंभ किया जाएगा तथा हर स्तर पर मार्गदर्शन के लिये विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे। समूहों के उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिये ऑनलाइन ट्रेडिंग तथा ई-प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएं। हमारी कोशिश है कि समूहों से जुड़ने वाली महिलाओं को स्थायी कार्य मिलें और कम से कम 10 हजार रूपये प्रतिमाह की आय प्राप्त हों।



मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह, देवास और शिवपुरी के ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूहों की प्रमुखों से बातचीत की।


समूह से जुड़े तो 'आज आपसे बात हो गयी'


दमोह जिले की ग्राम पंचायत सतरिया की चण्डी माता स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती भागबाई पटेल ने कहा कि समूह से जुड़ने से पहले वह मजदूरी करती थी। पैसे की बहुत परेशानी थी, स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने चाय-पान की दुकान खोली जो कोरोना के दौरान बंद हो गयी। उन्होंने फिर समूह की सहायता से किराना दुकान आरंभ की। इससे अब प्रतिमाह 9 हजार रूपये तक आमदनी हो जाती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसका मतलब यह है कि समूह से जुड़ने से फायदा हुआ। इस पर श्रीमती भागबाई ने कहा कि सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि 'आज आपसे बात हो गयी'। श्रीमती भागबाई ने कहा कि समूह से जुड़ने के परिणाम स्वरूप उनका बैंक आना-जाना और किराना दुकान के सिलसिले में बाजार आना-जाना बढ़ा है। इससे विश्वास पैदा हुआ है और दुनिया को समझने बूझने का दायरा भी बढ़ा है।


मांग के अनुसार मास्क के साथ पीपीई किट बनाई


शिवपुरी की ग्राम पंचायत खैराघाट की खाती बाबा स्व-सहायता समूह की अध्यक्षा राखी प्रजापति ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को समूह द्वारा बनाई गयी पीपीई किट दिखायी। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण समूह ने मास्क बनाना आरंभ किया। फिर पीपीई किट की मांग आने लगी। यह दोनों अभी भी काफी बिक रही है। राखी प्रजापति ने कहा कि गणेश चतुर्थी में बनाएं मिट्टी के गणेश जी की मूर्ति भी खूब बिकी। इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूह का लाभ यही है कि गाँव का पैसा गांव में रहे, बाहर न जाएं। गांव में ही समृद्धि और खुशहाली बढ़े।









पहले मजदूरी अब अपना काम


शिवपुरी की ही भगवती यादव ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि पहले गांव की जो महिलाएं मजदूरी करती थीं, वो समूह से जुड़ने के बाद अब घर में रहकर ही अपना स्वयं का काम कर रही है। उन्होंने स्वयं भी पहले दुकान आरंभ की अब ब्यूटी पार्लर भी खोलने की योजना है।



पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल ने वीडियों कांन्फेंसिंग के माध्यम से कहा कि ग्रामीण परिवेश के परिवारों को कृषि और अन्य गैर कृषि आधारित गतिविधियों से जोड़कर आर्थिक उन्नति के लिये हर संभव प्रयास जारी रहेंगे। मध्यप्रदेश गान से आरंभ इस कार्यक्रम में स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों पर फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजित ऋण वितरण के प्रतीक स्वरूप भोपाल जिले के ग्राम रतुआ रतनपुर, गुंगा, आमला तथा खुरचनी के स्व-सहायता समूहों को चेक प्रदान किये।


अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मनोज श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि आजीविका मिशन के माध्यम से अब तक ग्रामीण क्षेत्र के 33 लाख जरूरतमंद निर्धन परिवारों को तीन लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों से जोड़कर 1523 करोड़ रूपए बैंक ऋण के रूप में उपलब्ध कराए गए हैं। प्रदेश के 43 हजार से अधिक ग्रामों के 11 लाख 54 हजार से अधिक परिवारों को कृषि व पशुपालन गतिविधियों से जोड़ा गया है। तीन लाख 69 हजार से अधिक परिवारों को सूक्ष्म गतिविधियों से जोड़ा गया है। निर्धन परिवारों को योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई न हो इसके लिए सरकार द्वारा हितग्राहीमूलक योजनाओं को अधिक व्यवहारिक, सरल व पारदर्शी बनाया जा रहा है। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दूरदर्शन, क्षेत्रीय न्यूज़ चैनल्स के साथ ही वेबकास्ट, ट्वीटर, फेसबुक,यू-ट्यूब के माध्यम से हुआ। जिला स्तरीय कार्यक्रमों में मंत्रीगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।


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