21 सितंबर से अधिकतम 100 लोगों की उपस्थिति में हो सकेंगे कार्यक्रम
एक से 30 सितंबर तक की अवधि के लिये भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स के पालन हेतु प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर दिये हैं। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने आदेश जारी करते हुए बताया है कि रियायतों के साथ अनलॉक 4 की गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना की चेन-ब्रेकिंग के लिये आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए पुख्ता प्रबंध कर निश्चित लोगों की उपस्थिति में 21 सितंबर के बाद कार्यक्रम आयोजित हो सकेंगे। गाइडलाइन्स का उल्लंघन होने पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाली एसओपी के बाद 21 सितंबर से अधिकतम 100 लोगों की उपस्थिति में विभिन्न सामाजिक अकादमिक, स्पोटर्स, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनैतिक और अन्य सामुहिक कार्यक्रम किये जा सकेंगे। इसमें भी फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्केनिंग और सेनेटाइजेशन के प्रबंध रखना अनिवार्य रहेगा।
21 सितंबर 2020 से कन्टेंमेंट जोन के बाहर के स्कूलों में ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग की गतिविधियाँ संचालिक हो सकेंगी। स्कूलों में 50 प्रतिशत टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को बुलाया जा सकेगा। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी पालकों की सहमति से स्कूलों में शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये आ सकेंगे। राष्ट्रीय संस्थानों और इससे पंजीकृत संस्थानों में लघु कौशल शिक्षण की अनुमति रहेगी। उच्च शिक्षा विभाग गृह मंत्रालय की सहमति से शोधार्थियों और तकनीकि और व्यावसायिक कार्यक्रमों में स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्रों को कोविड-19 की गाइडलाइन्स अनुसार अनुमति प्रदान कर सकेगा। 30 सितंबर तक स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। इनमें नियमित संचालित होने वाली गतिविधियाँ नहीं होंगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार जिला कलेक्टर कोरोना की चेन को तोड़ने के लिये माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जोन को चिन्हांकित कर सकेंगे। जिला कलेक्टरों को इन जोन्स को वेबसाइट पर अधिसूचित करना होगा। राज्य में कहीं भी आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। आने-जाने के लिये किसी प्रकार की अनुमति, अनुमोदन या ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी। अनलॉक 4 की गाइडलाइन्स में 65 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धजनों और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अत्यावश्यक नहीं होने पर घरों में रहने की सलाह दी गई है।
भारत सरकार द्वारा जारी अनलॉक 4 की गाइडलाइन्स में राज्य स्तर से किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकेगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिये राज्य सरकार धारा 144 का प्रयोग कर सकती हैं। गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अन्तर्गत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाली एसओपी के बाद 21 सितंबर से अधिकतम 100 लोगों की उपस्थिति में विभिन्न सामाजिक अकादमिक, स्पोटर्स, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनैतिक और अन्य सामुहिक कार्यक्रम किये जा सकेंगे। इसमें भी फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्केनिंग और सेनेटाइजेशन के प्रबंध रखना अनिवार्य रहेगा।
21 सितंबर 2020 से कन्टेंमेंट जोन के बाहर के स्कूलों में ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग की गतिविधियाँ संचालिक हो सकेंगी। स्कूलों में 50 प्रतिशत टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को बुलाया जा सकेगा। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी पालकों की सहमति से स्कूलों में शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये आ सकेंगे। राष्ट्रीय संस्थानों और इससे पंजीकृत संस्थानों में लघु कौशल शिक्षण की अनुमति रहेगी। उच्च शिक्षा विभाग गृह मंत्रालय की सहमति से शोधार्थियों और तकनीकि और व्यावसायिक कार्यक्रमों में स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्रों को कोविड-19 की गाइडलाइन्स अनुसार अनुमति प्रदान कर सकेगा। 30 सितंबर तक स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। इनमें नियमित संचालित होने वाली गतिविधियाँ नहीं होंगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार जिला कलेक्टर कोरोना की चेन को तोड़ने के लिये माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जोन को चिन्हांकित कर सकेंगे। जिला कलेक्टरों को इन जोन्स को वेबसाइट पर अधिसूचित करना होगा। राज्य में कहीं भी आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। आने-जाने के लिये किसी प्रकार की अनुमति, अनुमोदन या ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी। अनलॉक 4 की गाइडलाइन्स में 65 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धजनों और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अत्यावश्यक नहीं होने पर घरों में रहने की सलाह दी गई है।
भारत सरकार द्वारा जारी अनलॉक 4 की गाइडलाइन्स में राज्य स्तर से किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकेगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिये राज्य सरकार धारा 144 का प्रयोग कर सकती हैं। गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अन्तर्गत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।