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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 28 सितम्बर से 07 अक्टूबर तक

कम्यूनिटी वेस्ट डोर टू डोर अप्रोच के माध्यम से होगा आयोजन, सीएमएचओ ने अधिकारियों को तैयारियों हेतु दिए आवश्यक दिशा-निर्देश


     मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री एमएस सागर ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में 28 सितम्बर से 07 अक्टूबर तक की पूर्व तैयारियों हेतु विभिन्न दिशा निर्देश जारी किए है। इस हेतु उन्होंने सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सिविल अस्पताल बीना, खुरई, नोडल अधिकारी शहरी क्षेत्र सागर, समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी  सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बंडा, शाहगढ़, देवरी, केसली, राहतगढ़, जैसीनगर, खुरई, मालथौन, आगासौद, रहली, एवं शाहपुर जिला सागर को पत्र लिखकर अवगत कराया है।
    उल्लेखनीय है कि, कोविड 19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुये मध्यपदेश शासन द्वारा समुदाय में समुचित स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर को बनाये रखने हेतु विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। भारत सरकार के निर्देशानुसार कोविड 19 के दौरान समुदाय स्तर पर समस्त आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखने एवं कैपेनमोड सर्विसेस के अंतर्गत 1 से 19 वर्षीय समस्त हितग्राही वर्ग का कृमिनाशन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
    तदानुसार मास डिर्वामिंग के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रदेश में दिनांक 28 सितम्बर से 07 अक्टूबर 2020 तक ‘‘ राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। कोविड 19 के कारण प्रदेश में विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन संभव ना होने की दशा में राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम का क्रियान्वयन समुदाय आधारित गृह भ्रमण रणनीति कम्यूनिटी वेस्ट डोर टू डोर अप्रोच के माध्यम से किया जावेगा।
    कार्यक्रम अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं द्वारा घर - घर जाकर 01 से 19 वर्षीय समस्त हितग्राहियों का कृमिनाशन किया जावेगा ताकि मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित हो। बच्चों में कृमि संक्रमण व्यक्त्गित अस्वच्छता तथा संक्रमित दूषित मिट्टी के संपर्क से संभावित होता है। कृमि संक्रमण के बच्चों का जहां एक ओर शारीरिक और बौद्धिक विकास बाधित होता है कि, वहीं दूसरी ओर उनके पोषण स्तर पर दुष्प्रभाव पड़ता हैं 01 से 19 वर्षीय बच्चों का कृमिनाशन करना विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुसंसित एक साक्ष्य आधारित सकारात्मक रणनीति है।
    ‘‘ राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम ” का क्रियान्वयन स्वास्थ्य विभाग , महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से किया जावेगा जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग , आदिम जाति कल्याण विभाग , पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास विभाग आदि का सहयोग लिया जावेगा। साथ ही डेवलपमेंट पार्टनर संस्था एविडेंश एक्शन , यूनीसेफ , न्यूट्रीशन इंटरनेशनल तथा चाई सहयोगी संस्था रहेगी। अतः सभी को निर्देशित किया गया है कि ‘‘ राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 28 सितम्बर से 07 अक्टूबर तक किया जाये। मैदानी कार्यकर्ता ए.एन.एम. , आशा , आशा सहयोगी तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा समुदाय में घर - घर जाकर 01 से 19 वर्षीय समस्त हितग्राहियों को सूचीवद्व कर एल्वेंडाजोल 400 मि.ग्रा . मीठी चबाने वाली गोली खिलाई जाये।
    01 से 02 वर्ष के आयु वर्ग के लिए एल्वेंडाजोल 400 मि.ग्रा . की आधी गोली चूरा करके पीने का साफ पानी मिलाकर चम्मच से पिलाई जाएगी। 01 से 03 वर्ष आयु वर्ग के लिए एल्वेंडाजोल 400 मि.ग्रा . चूरा करके पीने के साफ पानी के साथ दी जाएगी। 03 से 19 वर्ष आयु वर्ग के लिए एल्वेंडाजोल 400 मि.ग्रा . की पूरी गोली पीने के साफ पानी के साथ दी जाएगी। ( इसे चबाकर खाना होगा) ‘‘ राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम ‘‘ अंतर्गत ग्रह भेंट के दौरान मैदानी कार्यकर्ताओं द्वारा कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन किया जावे। मास्क का प्रयोग अनिवार्य है। हाथों को अच्छी तरह से साबुन से साफ पानी से अथवा सेनेटाईजर से साफ करने के उपरांत ही बच्चों को एल्वेंडाजोल गोली का सेवन कराया जाये।
    जिन बच्चों को आई.डी.सी.एफ. कार्यक्रम के दौरान 05 वर्ष तक के बच्चों को ओ.आर.एस , का वितरण नहीं किया गया है उन्हें ओ.आर.एस. पैकेट का वितरण किया जाएगा। माईक्रोप्लान - ग्रामवार लक्ष्य हितग्राहियों के अनुसार ‘‘ राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम ‘‘ का माईक्रोप्लान तैयार किया जावे। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु माईक्रोप्लान बनायें जिसमें मजरे, टोले, वन्य ग्राम , दूरस्थ पहुँच विहीन गांवों , शहरी क्षेत्र में मलीन वस्तियों, निर्माणाधीन स्थल, ईंट भट्टा, घूमनतू जनसंख्या के अच्छादन हेतु विशेष कार्ययोजना बनाई जाये। 1000 की जनसंख्या पर ग्रामीण क्षेत्र में 200 घर व शहरी क्षेत्र 300 घर संभावित हैं। अतः मैदानी कार्यकर्ताओं द्वारा एक दिवस में कम से कम 40 से 50 घरों का भ्रमण किया जावे। तदानुसार 4 से 5 दिवस ग्रामीण क्षेत्र में 6 से 7 दिवस शहरी क्षेत्र में लगना संभावित है। उक्त अनुसार ही माईक्रोप्लान तैयार किया जावे। इसके अनुसार ही ए.एन.एम. , एम.पी.डब्ल्यू . , एम.पी.एस , मलेरिया वर्कर , आर.बी.एस.के. दल की ड्यूटी लगाई जाये। ग्राम स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा 01 से 19 वर्षीय हितग्राहियों की जानकारी अद्यतन की जाये एवं जानकारी आशा सहयोगी , ए.एन.एम. से साझा की जाये।
    प्रशिक्षण - विकासखंड स्तर पर ब्लॉक टास्क फोर्स की बैठक एस.डी.एम. की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से की जायें जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग , शिक्षा विभाग , आदिम जाति कल्याण विभाग , पंयायत राज एवं ग्रामीण विभाग को भी शामिल किया जाये। आशा , आशा सहयोगी , ए.एन.एम. , आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , आई . डी.सी.एफ , सुपरवाईजर , एम.पी.डब्ल्यू . , एम.पी.एस. , के प्रशिक्षण मोबाईल, व्हॉटसएप, वीडियो , डिजिटल आई.ई.सी . के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाये।
    एल्वेंडाजोल की गोलियां 10 सितम्बर तक जिला स्तर से प्राप्त की जायें तथा 25 सितम्बर तक मैदानी स्तर तक प्रदायगी की जाये। एल्बेंडाजोल की गोलियां हितग्राहियों की संख्या के आधार पर वितरण किया जाये। उपलब्ध स्टॉक एवं नवीन स्टाक को उपयोग फस्ट इन फस्ट आउट एवं फस्ट एक्सपायर्ड फस्ट आउट पद्वति का पालन कर किया जाये।
    प्रतिकूल घटना प्रबंधन - विकासखंड स्तर पर प्रतिकूल घटना प्रबंधन हेतु दल का गठन किया जावें। आवश्यक दवाओं की व्यवस्था एम.एम.यू.टीम और 108 जननी एक्सप्रेस की तैनाती तथा मेडीकल ऑफीसर की जानकारी , फोन नंबर मैदानी कार्यकर्ताओं से सांझा किये जायें। प्रतिकूल घटना होने पर जानकारी आशा द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , ए.एन.एम , के माध्यम से मेडीकल ऑफीसर तक पहुंचाई जाये। मेडीकल ऑफीसर द्वारा जिला स्तर पर जानकारी भेजी जाये।
    सभी सहयोगी विभागों से जनजागरूकता हेतु समन्वय स्थापित किया जाये। कार्यक्रम का शुभारंभ जनप्रतिनिधि, अधिकारियों से कराया जाये। रिपोटिंग - ‘‘ राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम ‘‘ 2020 के उपरांत समस्त आशाओं द्वारा अपने - अपने क्षेत्र की कवरेज की जानकारी आशा रिर्पोटिंग प्रपत्र में इंद्राज की जाये तथा 12 अक्टूबर तक ए.एन.एम.के पास जमा की जाये।
    ए.एन.एम. द्वारा समस्त आशा रिर्पोटिंग प्रपत्र के कवरेज की जानकारी ए.एन.एम. रिपोटिंग प्रपत्र में संकलित की जायें एवं 20 अक्टूबर 2020 तक विकासखंड पर जमा की जाये। विकासखंड स्तर पर समस्त ए . एन.एम. प्रपत्र 02 की कवरेज संकलित कर जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत शासन द्वारा निर्मित बैब आधारित एन.डी.डी. एप में विकासखंड स्तरीय प्रपत्र अनुसार दिनांक 31 अक्टूबर 2020 तक इंद्राज की जावे। जिला स्तर से दिनांक 10 नवंबर 2020 तक समस्त विकासखंड की रिपोर्ट का रिव्यू कर एप्रोव किया जाये। विकासखंड स्तर पर रिर्पोटिंग सुनिश्चित करने हेतु विकासखंड चिकित्सा अधिकारी उत्तरदायी होंगें।   


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