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राजगढ़ जिले में अनार और पपीते की खेती का लक्ष्य निर्धारित करें - संभागायुक्त श्री कियावत





   भोपाल संभाग अंतर्गत राजगढ़ जिले के खिलचीपुर-जीरापुर तहसील में अनार और पपीते की खेती के लिये जमीन अनुकूल है। आगामी समय में राजगढ़ जिले में अनार और पपीते की खेती करने के लिए अधिक से अधिक किसानों को प्रेरित करें। उक्ताशय के निर्देश संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने आज संभागायुक्त कार्यालय सभाकक्ष में कृषि विभाग की बैठक में राजगढ़ जिले के उप संचालक कृषि श्री हरीश कुमार मालवीय को दिए। बैठक में कृषि विभाग के संभागीय अधिकारी सहित भोपाल संभाग के सभी जिलों के कृषि अधिकारी उपस्थित थे।
   बैठक में श्री कियावत ने कहा कि अनार और पपीते की सर्वाधिक खेती से किसानों को आय का महत्वपूर्ण साधन उपलब्ध हो सकेगा । उन्होंने कहा कि राजगढ़ जिले में उपयुक्त जलवायु और मौसम के हिसाब से अनार और पपीते की बम्पर पैदावार हो सकती है। जिले के खिलचीपुर-जीरापुर तहसील में अनार और पपीते की खेती के लिये जलवायु अनुकूल है।   

   वर्तमान में राजगढ़ विकासखण्ड में 26 हजार हैक्टेयर भूमि पर खेती किसानी की जाती है, साथ ही जिले में दो वृहद परियोजनाएं मोहनपुरा और कुंडालिया से सिंचाई के बड़े पैमाने पर संसाधन विकसित किये जा सकते हैं । जिससे उद्यानिकी, हॉर्टिकल्चर एवं एग्रीकल्चर क्षेत्र को और अधिक विस्तार किया जा सकेगा। 

"जिलों में "एक फसल-एक कार्यक्रम" चलायें"

   श्री कियावत ने जिला अधिकारियों से कहा कि जिलें में एक फसल-एक कार्यक्रम अभियान चलायें। प्रत्येक जिले में ऐसी एक फसल का चयन कर कृषि क्षेत्र का विस्तार करें। जिससे उस फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सके । साथ ही बाजार मूल्य में भी वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजगढ़ जिले में सर्वाधिक धनिया की उपज, रायसेन में बासमती, विदिशा में चना तथा सीहोर में शरबती गेहूँ प्रसिद्ध है । इसके लिये एक फसल-एक कार्यक्रम अभियान चलायें और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुये संबंधित फसल क्षेत्रों का विस्तार करें। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लें और सलाह अनुसार खेती करने के नए नए तरीके, मौसम, जलवायु परिवर्तन सहित कृषि क्षेत्र को और अधिक विस्तारित करने के लिए भी किसानों को प्रेरित करें ।




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