फूलकली के मसाले तेजी से रसोई तक अपनी पहुँच बना रहे हैं। सस्ती दर और मसालों की अच्छी गुणवत्ता की वजह से फूलकली के मसालों की मांग बढ़ रही है। ग्वालियर जिले की ग्रामीण महिलाओं में गाँव की गृहणी फूलकली की आत्मनिर्भरता के खूब चर्चे हो रहे हैं।
ग्वालियर जिले की जनपद पंचायत घाटीगाँव के ग्राम भयपुरा की निवासी श्रीमती फूलकली कुशवाह अपनी लगन एवं मेहनत से आत्मनिर्भर बनी हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के उद्देश्य से सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान फूलकली ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से मसाला गृह उद्योग शुरू किया था। लॉकडाउन के दौरान ग्वालियर जिले में दैनिक उपयोग की वस्तुओं की होम डिलेवरी के लिये प्रसिद्ध हुए “सर्व ग्वालियर एप” से जुड़कर फूलकली ने खासतौर पर सब्जी की आपूर्ति में मदद की। उनकी लगन व मेहनत से प्रभावित होकर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा ने उन्हें मसाले का कारोबार शुरू करने की सलाह दी।
फूलकली राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बने “जय माता दी स्व-सहायता समूह” से जुड़ गईं। उनके समूह में गाँव की अन्य महिलायें भी शामिल थीं। इस समूह ने छोटी-छोटी बचत करके बैंक में खाता खोला बाद में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इस समूह की सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) निर्धारित हो गई। समूह से जुडीं फूलकली ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मसाला उद्योग चलाने का प्रशिक्षण लिया। उन्हें राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह के जरिए एक लाख रूपए की सहायता भी मिल गई। फिर क्या फूलकली ने अपना मसाला उद्योग शुरू कर दिया।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से मिली आर्थिक मदद से उन्होंने धनिया, मिर्ची, हल्दी व अन्य मसालों का व्यवसाय शुरू किया और सर्व ग्वालियर एप के जरिए इसकी बिक्री शुरू कर दी। सस्ती दर और स्वादिष्ट होने से ग्राहकों को फूलकली के मसाले भा गए। जाहिर है फूलकली को मसालों की बिक्री से अच्छी-खासी आमदनी होने लगी। जिला पंचायत ने फूलबाग स्थित संभागीय ग्रामीण हाट बाजार में फूलकली के समूह को दुकान उपलब्ध कराई है। इस दुकान से वे मसालों के साथ-साथ देशी तुअर की दाल, मूँग व उड़द दाल, बेसन भी बेचती हैं। कोरोना काल में फूलकली लगभग 3 लाख के मसालों की बिक्री कर चुकी हैं इससे उन्हें लगभग 60 हजार रूपए की आमदनी हुई है। अभाव में जिंदगी बसर कर रहे फूलकली के परिवार की समृद्धि के द्वार मसालों के कारोबार ने खोल दिए हैं। फूलकली गाँव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं।
फूलकली के मसाले…. “खुशियों की दास्तां” - ग्वालियर
Friday, September 04, 2020
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