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निःशक्तजन कल्याण मंत्री एवं आयुक्त ने बड़वानी में की निःशक्तजन कल्याण योजनाओं की समीक्षा दिये आवश्यक निर्देश

जिले में स्वास्थ्य - पोषण आहर वितरण की जानकारियों के आदान - प्रदान का ऐसा वातावरण बनाया जाये, जिससे कोई भी दिव्यांग बच्चा पैदा ही नही होने पाये। वही जो दिव्यांग है, उन्हें बिना किसी व्यवधान के शासकीय योजनाओं का लाभ समय पर मिल जाये। यह हमारा पदीन दायित्वों के साथ - साथ सामाजिक दायित्व भी है। अतः प्रत्येक अधिकारी सुनिश्चित करें कि उनके विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से कोई भी दिव्यांग वंचित न रहने पाये।
    प्रदेश के सामाजिक कल्याण एवं निःशक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल तथा आयुक्त निःशक्तजन श्री संदीप रजक ने बड़वानी में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये लागू योजनाओं, प्रावधानो की समीक्षा करते हुये उक्त बाते कही। कलेक्टरेट सभागृह बड़वानी में आयोजित इस बैठक में कलेक्टर श्री शिवराज सिंह वर्मा,  जिला पंचायत सीईओ श्री ऋतुराज सिंह,  केन्द्रीय डॉ. अम्बेडकर फाउण्डेशन के सदस्य श्री भगवती प्रसाद शिन्दे, सांसद प्रतिनिधि श्री ओपी खण्डेलवाल, उप संचालक सामाजिक न्याय श्री मगनसिंह कनेश सहित समस्त विभागो के जिला अधिकारी उपस्थित थे।


बैठक में मंत्री एवं आयुक्त द्वारा दिये गये निर्देश


  •     जिले के सभी निर्माणाधीन भवनों में दिव्यांगो के सुगम्य प्रवेश के लिये रेम्प होना अनिवार्य है। जो शासकीय कार्यालय तीन मंजिलो से उपर के है, उनमें लिफ्ट लगाने का भी प्रावधान हो।

  •     जो शासकीय कार्यालय पुराने है, उनमें भी रेम्प का निर्माण अनिवार्य रूप से करवाया जाये। जिससे दिव्यांगजन सुविधाजनक ढंग से उसमें प्रवेश कर सके।

  •     ऐसे शासकीय कार्यालय जहॉ दिव्यांगो की सुविधा के लिये बजट की आवश्यकता है।  वे प्रस्ताव बनाकर सिफ्टा योजना में केन्द्रीय सरकार को भेजे, जिससे वहॉ से आवंटन प्राप्त हो सके।

  •     रेम्प में निर्धारित मापदण्डो का पालन अनिवार्य रूप से हो, यह सभी निर्माण एजेंसी सुनिश्चित करें। 

  •     दिव्यांगो को सवारी वाहनो के किराये में 50 प्रतिशत छूट रहती है, वही आगे की 5 सीटे आरक्षित रहेगी, अगर जिले में कोई इस नियम का उल्लंघन कर रहा है तो उस पर जुर्माना या परमिट निरस्त करने की कार्यवाही की जाये।

  •     सभी सार्वजनिक स्थानों एवं टाकिजों, होटलो में भी दिव्यांगो के बाधारहित प्रवेश की व्यवस्था हो, यह सुनिश्चित किया जाये।

  •     दिव्यांगों के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल जाये, इसके लिये आवश्यक है कि उनके पास मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र हो, इसके लिये विकासखण्डों में  क्लस्टर में विशेष शिविर लगाकर प्रमाण पत्र बनवाये जाये।

  •     जिले के सभी दिव्यांगजनों का डाटाबेस अद्यतन हो, इसके लिये भी पंचायत सचिवो के माध्यम से उनके ग्रामो के दिव्यांगो की जानकारी गूगल सीट मे दर्ज करवाई जाये।

  •     नगरपालिका जिन भी सार्वजनिक भवनों की अनुमति देती है, उसमें प्रमाण पत्र ले कि उनका निर्माण दिव्यांग फ्रेण्डली करवाया गया है।

  •     चुनाव के दौरान मतदान केन्द्रों पर उपलब्ध करवाई गई व्हील चेयर का उपयोग दिव्यांगो के हितार्थ किया जाये।

  •     जिले के प्रत्येक दिव्यांग का यूडीआई कार्ड बन जाये, यह अगामी 15 दिनो में सुनिश्चित किया जाये।

  •     दिव्यांगों के लिये आरक्षित 6 प्रतिशत का लाभ उन्हें समस्त शासकीय योजनाओं में मिले, यह सुनिश्चित कराया जाये।


सेंधवा के दिव्यांग को भेंट की व्हील चेयर

    प्रदेश के सामाजिक कल्याण एवं निःशक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल तथा आयुक्त निःशक्तजन श्री संदीप रजक ने बैठक के उपरान्त उनसे मिलने आये सेंधवा के दिव्यांग श्री पूनमचन्द्र राठौड को अपने हाथों से व्हील चेयर  भेंट की। साथ ही मौके पर उपस्थित उपसंचालक सामाजिक न्याय  को निर्देशित किया कि जिले के सभी दिव्यांग को, किस संसाधन की आवश्यकता है, इसका भी आंकलन किया जाये। जिससे अगामी तिथियों में लगने वाले शिविरों में इन्हें आवश्यक उपकरण निःशुल्क वितरित करवाया जा सके।


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