सागर शहर के चारों तरफ होगा डेरियों का विस्थापन----
नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना ही स्मार्ट सिटी का दायित्व है। सागर की अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिये प्रथम चरण में 96 करोड़ की लागत से चकरा घाट से तीन मढ़िया बस स्टेण्ड तक एलीवेटेड कोरिडोर बनाया जाएगा। साथ ही आवारा पशुओं एवं शहर में घूम रहे निजी डेरी मालिकों के पशुओं से निजात दिलाने के लिये शहर के चारों तरफ डेरी विस्थापन का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जायेगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने यह बात सागर में स्मार्ट सिटी के लगभग 100 करोड़ की लागत के कार्यों के भूमिपूजन के दौरान कही।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत सागर को स्मार्ट बनाने के साथ-साथ मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिये 1600 करोड़ प्रस्तावित हैं, जिसमें 250 करोड़ के कार्यों का भूमि पूजन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आज सागर में 100 करोड़ के कार्यों का भूमिपूजन किया जा रहा है, जिनमें 13 किमी स्मार्ट कोरीडोर, विश्वविद्यालय रोड का पुनरूद्धार, रैन बसेरा का निर्माण, 48 कक्षों का स्मार्ट रूम में परिवर्तन, कामकाजी महिलाओं के लिये वर्किंग वूमेन हॉस्टल एवं इलेक्ट्रिक शव-दाह गृह शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 20 करोड़ की लागत से सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम, राजघाट सहित अन्य स्थानों पर सर्वसुविधायुक्त पार्कों का निर्माण किया जायेगा।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आने वाले समय में शहर के प्राचीन भवनों को चिन्हित कर पीपीपी मोड पर उनका संरक्षण कर व्यावसायिक काम्पलेक्स बनाने, बस स्टेण्ड के पास स्थित विद्युत मण्डल के कार्यालय को अन्यत्र स्थापित कर बड़ा प्रोजेक्ट लगाने एवं शहर के बीचों-बीच स्थापित जेल को अन्यत्र कर पीपीपी मोड पर आवासीय एवं व्यावासिक काम्पलेक्स बनाने की योजना है। उन्होंने मुक्तिधाम के लिये 1 करोड़, मुख्यमंत्री अधोसंरचना कार्यों के लिये 5 करोड़, 30 सिटी बस चलाने, इंक्यूवेशन सेंटर के लिये 10 करोड़ रूपये एवं नगर निगम कार्यालय बनाने के लिये डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये।
सांसद श्री राजबहादुर सिंह ठाकुर ने कहा कि मंत्री श्री सिंह की सोच बहुत अच्छी है। इससे सागर अवश्य विकास करेगा। विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। आज से सागर के विकास की इबारत लिखी जायेगी। इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।