आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत कृषि अधोसंरचना कोष के उपयोग, नाबार्ड व अन्य विभागीय योजनाओं की होगी समीक्षा
सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा है कि कृषि व ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सहकारिता आन्दोलन की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे सहकारिता से सम्बधित शासन की योजनाओं को पारदर्शिता के साथ प्रभावी रूप से मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करायें ताकि हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सकें। मत्री डॉ. भदौरिया ने यह भी कहा कि आगामी 5 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारिता विभाग की गतिविधियों व योजनाओं की विस्तार से समीक्षा करेंगे।
मंत्री डॉ. भदौरिया ने बताया कि समीक्षा बैठक में आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत कृषि अधोसंरचना कोष के उपयोग एवं नाबार्ड की योजनाओं के संबंध में विशेष रूप से चर्चा की जायेगी। इसके अलावा पीएम किसान के पात्र किसानों को जारी केसीसी में ऋण वितरण, पशुपालक कृषकों को कार्यशील पूँजी हेतु साख सीमा, खरीफ 2020 में फसल ऋण वितरण, कृषि ऋणों की वसूली, एपेक्स बैंक यूटिलिटी पोर्टल पर फसल ऋण वितरण में कृषकवार ऋण वितरण एवं वसूली की जानकारी, रबी 2020-21 हेतु उर्वरकों का अग्रिम भण्डारण, खरीफ 2020 फसल बीमा प्रीमियम प्रेषण के अलावा उपार्जन से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर समीक्षा भी करेंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में संस्थाओं के वित्तीय पत्रकों की प्राप्ति एवं धारा 56 के तहत जारी नोटिस, अंकेक्षण की प्रगति, अंकेक्षण शुल्क की वसूली, अंकेक्षण आपत्तियों के निराकरण हेतु लेखा समितियों की बैठकों, प्राथमिक कृषि साख संस्थाओं के नियमित एवं लंबित अंकेक्षण, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं नागरिक बैंकों के वर्ष 2019-20 के वैधानिक अंकेक्षण, शहरी साख सहकारी समितियों के निरीक्षण की प्रगति, मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संबंध में आरबीआई से प्राप्त शिकायतों के जाँच प्रतिवेदन प्रेषित करने, नवीन गठित सहकारी संस्थाओं की अंशपूँजी सहायता राशि की वसूली सहित अन्य बिन्दुओं पर भी चर्चा कर समीक्षा की जायेगी।