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महिला बाल विकास विभाग की पत्रकार कार्यशाला संपन्न

पोषण आहार माह अन्तर्गत जन-जागरूकता अभियान जारी


महिला बाल विकास द्वारा महिलाओं और बच्चों के लिए चलाए जा रहें पोषण अभियान कार्यक्रमों की जानकारी के प्रचार-प्रसार के लिए मीडिया के सहयोग पर केन्द्रित कार्यशाला शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। इसके साथ ही इस वर्ष भी महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए पत्रकारों को जानकारी दी गई कि 18 साल से अधिक उम्र की किशोरियों को स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है उनको संपूर्ण आहार मिले सभी प्रकार की दालों का उपयोग खाने में किया जाए, मोटे अनाजों का उपयोग सप्ताह में 3 बार खाने में विशेष रूप से उपयोग हो। रंगोली की तरह आप की थाली सजी होनी चाहिए। इससे शरीर में सभी आवश्यक तत्वों की पूर्ति होगी और शादी के बाद किसी प्रकार की समस्याएं नहीं आएंगी। कार्यशाला में अपर कलेक्टर श्रीमती माया अवस्थी, महिला बाल विकास अधिकारी और अन्य अधिकारियों ने पोषण आहार के बारे में बताया और मीडिया के सवालों के जबाव दिया।


   कार्यशाला में बताया गया कि गर्भवती महिलाओं पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है जिसमें विशेष पोषाहार आयरन, कैल्शियम की गोलियां और समय-समय पर नियमित रूप से जांच कराई जाए। बच्चा होने के बाद तुरंत उसको स्तनपान कराया जाए और 6 माह तक बच्चों को माता के दूध ही लेना चाहिए। कुपोषित बच्चों को पोषित करने के लिए जिले में विशेष कार्य किए जा रहे हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार जाकर भ्रमण किया जा रहा है बच्चों के वजन किए जा रहे हैं उसके साथ ही संचार साधनों रेडियो, टीवी, मीडिया के माध्यम से जन जागरूकता अभियान लगातार चलाया जा रहा है।

   महिला एवं बाल विकास विभाग मध्यप्रदेश द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह 1 से 30 सितत्म्बर 2020 तक चलाया जाएगा। पोषण माह के अंतर्गत जन जागरूकता का आयोजन चार हफ्तों में जीवन चक्र (लाइफ साइकिल) एप्रोच के आधार पर किया जा रहा है। प्रथम सप्ताह में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को 1000 दिवस देखभाल, प्रसवपूर्व एवं गर्भावस्था के दौरान आवश्यक सेवाएं एवं देखभाल, प्रसव पश्चात देखभाल एवं एनीमिया, द्धितीय सप्ताह में 6 माह से 2 वर्ष के बच्चे को टीकाकरण, पूरक आहार, सतत, स्तनपान, वृद्धि निगरानी, एनीमिया, तीसरे सप्ताह में 2 से 6 वर्ष के बच्चे को टीकाकरण, वृद्धि निगरानी, एनीमिया और चौथे सप्ताह में किशोरी बालिकाओं को एनीमिया, आहार, विवाह की सही आयु जैसे विषयों पर केन्द्रित रहेगा।

   पोषण माह में आयोजित की जाने वाली कुछ गतिविधियां जैसे रेडियो से प्रचार-प्रसार, जागरूकता, आकाशवाणी केन्द्रों, निजी एफ.एम, केन्द्रों से ऑडियो जिंगल स्पॉट, हेल्लो आंगनवाड़ी सजीव फोन-इन कार्यक्रम में विशेषज्ञों से प्रश्न होंगे। पुरूषों के लिए वीडियो प्रतियोगिता में 25 से 40 वर्ष के पुरूषों से गर्भवती या शिशुवती माता के लिए स्थानीय खाद्य से तैयार रेसिपी बनाकर वीडियो भेजना और पोस्टर प्रतियोगिता में प्रदेश के कलाकारों से स्थानीय खाद्य विविधता पर रचनात्मक पोस्टर आमंत्रित भी किया जा रहा है जिसमें उनको पुरूस्कार भी दिया जायेगा।

   पोषण माह में सभी हितग्राही समूहों से जुड़ी पोषण भ्रांतियों एवं पोषण विविधता के लिए जिला स्तर से समाज के प्रभावशाली धार्मिक लीडर हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। विभागीय परियोजना अधिकारियिों से गर्भवती या शिशुवती माता के पोषण संबंधी भ्रांतियों को दूर करने हेतु सफल कहानी का वीडियो बनाना और सर्वश्रेष्ठ कहानी को पुरस्कृत  भी किया जाएगा। निबंध प्रतियोगिता में कक्षा 8 से 10 के बच्चों से उत्कृष्ट निबंध आमंत्रित करना और निबंध को जिले स्तर पर पुरूस्कृत करना। स्थानीय स्तर पर माह के दौरान गृह, पंचायत, आंगनवाड़ी आदि केन्द्रों में फलदार पोधों का रोपण कराना, सही समय पर उपरी आहार के शुरूआत पर आधारित क्विज वाट्सएप्प के माध्यम से कराना और शौर्य दलों की किशोरियों, युवतियों को प्रचार-प्रसार गतिविधियों से जोड़ना और उनको प्रेरित करना शामिल है।

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