बिजली आपूर्ति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी- एमडी श्री तोमर, -पात्र किसानों को फ्री बिजली के लिए डीबीटी की प्रभावी तैयारी, इंदौर व उज्जैन रीजन की अलग-अलग समय उच्च स्तरीय बैठक
पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी इंदौर के एमडी श्री अमित तोमर ने मालवा- निमाड़ के 15 जिलों के बिजली इंजीनियरों से कहा हैं कि आपूर्ति गुणवत्तापूर्ण की जाए, इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
एमडी श्री तोमर शुक्रवार को अलग अलग सत्रों में इंदौर व उज्जैन रीजन के इंजीनियरों की बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब किसानों को दिए जाने वाले अस्थाई कनेक्शन(टीसी) सिर्फ मोबाइल एप के माध्यम से ही दिए जाएंगे, इससे आन लाइन निगरानी रहेगी, कनेक्शन अवधि खत्म होने का मैसेज उपभोक्ताओं व इंजीनियरों तक जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों को फ्री बिजली कनेक्शनों की पात्रता है, उनके लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण(डीबीटी) की तैयारी पूर्ण की जाना है। प्रत्येक किसानों के स्थाई कनेक्शनों के खातों से एक विशेष एप में खाता खसरा, आधार, बैंक डिटेल को समय पर दर्ज किया जाए। यह कार्य अगले दो सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाए। श्री अमित तोमर ने निर्देशित किया कि उपभोक्ताओं को मदद के लिए 15 सितंबर तक आयोजित शिकायत निवारण शिविरों में तत्परता दिखाकर समस्याओं का समाधान कराए, इन शिविरों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए। श्री तोमर ने कहा कि आपूर्ति ठीक प्रकार से हो, राजस्व संग्रहण लक्ष्य अनुरूप हो, बिलिंग दक्षता पर्याप्त हो, साथ ही प्रति यूनिट नकद राजस्व दर सतत बढ़ते क्रम में होनी चाहिए, ये मेरी प्राथमिकताएं रहेगी, इन पर पूरा ध्यान लगाया जाए। श्री तोमर ने मंदसौर के अधीक्षण यंत्री श्री मनोज शर्मा को सभी पैरामीटर पर खरा उतरने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारा इलाका कृषि प्रधान है रबी सीजन अक्टूबर से प्रारंभ होने वाला है, इसकी तैयारी की जाए, ट्रांसफार्मर नए लगाने या क्षमता वृद्धि के प्रकरण पात्रतानुसार समय पर हल हो।
इस मौके पर मुख्य महाप्रबंधक श्री संतोष टैगोर ने कहा कि अजा/जजा वर्ग के करीब 4.10 लाख पात्र किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली दी जाती है। इन्हें अब डीबीटी के तहत लाभ दिया जाना है। इसके सर्वे के लिए राजस्व अमले से पूरा सहयोग लिया जाएगा, यह राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए तहसीलदारों से सतत संपर्क कायम कर भू अभिलेख प्राप्त किया जाए। डायरेक्टर श्री मनोज झंवर, वरिष्ठ अधिकारी श्री संजय मोहासे, श्री गजरा मेहता, श्री पुनीत दुबे, श्री एसआर बमनके, श्री एसएल करवाड़िया, कैलाश शिवा, कामेश श्रीवास्तव, डीएन शर्मा आदि ने भी विचार रखे।