अनुसूचित जाति- जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक कलेक्टर श्री वेद प्रकाश की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। कलेक्टर ने अधिनियम के अधीन राहत के प्रकरणों समेत अन्य प्रकरणों की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पीडि़त व्यक्तियों को प्रदत्त राहत सहायता के प्रकरणों, अनुसंधान में लंबित प्रकरणों और अधिनियम के अधीन अभियोजन के मामलों की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिये। कलेक्टर ने थानावार दर्ज प्रकरणों की जानकारी ली। लंबित प्रकरणों का निराकरण तेजी से करने पर जोर दिया गया। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिन थानों में सबसे अधिक अनुसूचित जाति- जनजाति के प्रकरण दर्ज हो रहे हैं, उनमें अत्याचार के प्रकरणों में कमी लाने के लिए विशेष प्रयास किये जावें। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया जावे और शिविरों का आयोजन किया जाये। बैठक में विशेष लोक अभियोजक श्री सूर्यप्रताप सिंह, एडीपीओ श्री कपिल पांडे, डॉ. आई. सनोड़िया, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण श्री जेपी मिश्रा, सांसद प्रतिनिधि श्री मेलाराम ठाकुर, श्री काशीराम ठाकुर, श्री रामकुमार पाठक, श्री प्रहलाद सिंह पटैल, समिति के अन्य सदस्य और अधिकारी मौजूद थे। बैठक में जिला संयोजक द्वारा बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष में एक जनवरी 2020 से अब तक की स्थिति में अत्याचार से पीडि़त व्यक्तियों को आर्थिक सहायता में आकस्मिकता राहत नियम- 7 के प्रावधानों के तहत अनुसूचित जाति से संबंधित 95 प्रकरणों में 1 करोड़ 19 लाख 20 हजार रूपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई। इसी तरह अनुसूचित जनजाति से संबंधित 55 प्रकरणों में 79 लाख 81 हजार रूपये की सहायता राशि मंजूर की गई। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम 1995 के प्रावधानों के तहत नवम्बर 2019 से अगस्त 2020 तक 56 प्रकरण निराकृत किये गये हैं। बैठक में वर्ष 2012- 13 से वर्ष 2019- 20 तक के 8 वर्षों के प्रकरणों की जानकारी सदस्यों को दी गई, जिसके अनुसार अत्याचार के प्रकरणों में पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष प्रकरणों में कमी आई है। थानेवार दर्ज प्रकरणों की जानकारी भी दी गई। |
जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक सम्पन्न
Tuesday, September 29, 2020
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