आधार कार्ड-समग्र आईडी और पात्रता पर्ची भी दी गई
बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कढ़े कदम उठाये गये हैं जिससे बाल भिक्षावृत्ति में कमी लाई जा सके। बाल भिक्षावृत्ति को छोड़कर शिक्षा की और बढ़ते बच्चों के उत्थान, शिक्षा और स्वास्थ्य के दृष्टिगत कई नवाचार किये गये हैं।
महिला एवं बाल विकास समेत कई सामाजिक संस्थाएं इस दिशा में अपना ध्यान केन्द्रित कर बाल भिक्षावृत्ति जैसी कुप्रथा को दूर कर बच्चों के पुनर्वास के लिए कई कदम उठा रहे हैं जिससे बच्चों का सर्वागीण विकास और रहन-सहन में बदलाव आ सके।
संभागीय संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास सुश्री नकी जहां ने बताया कि बाल भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों के पुनर्वास के लिए भोपाल संभाग में कई नवाचार और अभिनव प्रयास किये जा रहे हैं।
जिला भोपाल में 930 बच्चों का सर्वे कर उनका पुनर्वास किया गया है। इन 930 बच्चों में 828 बच्चें अब विद्यालय जाते है इनमें से 609 बच्चों के आधार कार्ड, 480 बच्चों के समग्र आईडी और 360 बच्चों को पात्रता पर्ची प्रदान की गई है। राजगढ़ जिले में 146 बच्चों में से 33 बच्चें अब विद्यालय जा रहें हैं इनमें से 76 बच्चों के आधार कार्ड, 29 बच्चों के समग्र आईडी कार्ड बनाये गये हैं। रायसेन जिले में 30 बच्चों में से 10 बच्चें अब विद्यालय से संबद्ध किये गये हैं। इनमें से 20 बच्चों के आधार कार्ड, समग्र आईडी और 30 बच्चों को पात्रता पर्ची प्रदान की गई है। सीहोर जिले में 17 बच्चें अब विद्यालय जाते है इनमें से 14 बच्चों के आधार कार्ड, 12 बच्चों के समग्र आईडी और 10 बच्चों को पात्रता पर्ची प्रदान की गई है और विदिशा जिले में 5 बच्चों के आधार कार्ड, 5 बच्चों के समग्र आईडी और 2 बच्चों को पात्रता पर्ची प्रदान की जा चुकी है।
इस प्रकार भोपाल संभाग में कुल 1128 बच्चों का सर्वे कर भौतिक सत्यापन के आधार पर पुनर्वास किया है इनमें से 888 को विभिन्न विद्यालयों से संबद्ध, 724 के आधार कार्ड, 546 के समग्र आईडी और 348 बच्चों के पात्रता पर्ची जारी की गई है। बच्चों के उत्थान और शिक्षा के लिये माता-पिता को भी रोजगार तथा शिक्षा के साथ जोड़ा गया हैं।