मध्यप्रदेश शासन के शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्य, जो आपदा कोविड-19 से संक्रमित होते हैं, ऐसे मरीज के इलाज के लिये प्रदेश के सभी जिलों के अशासकीय निजी चिकित्सालय (नर्सिग होम एक्ट के तहत पंजीकृत निजी चिकित्सालय) में आंतरिक रोगी (आईपीडी) के रूप में जाँच/उपचार एवं दवाइयों के चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति होगी।
आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. संजय गोयल ने इस आशय का आदेश सभी विभाग, विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त सहित सभी जिला कलेक्टर को भेजा है। कोविड-19 के इलाज में उपयोग आने वाली दवाइयाँ-टेबलेट फेविपिराविर, इंजेक्शन रेमडिसिविर एवं टोसिलिजुमेब आदि के नाम शामिल हैं।
आयुक्त स्वास्थ्य ने कहा है कि शासकीय सेवक कोविड-19 इलाज के चिकित्सा देयक अपने विभाग के माध्यम से जिले के सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक मध्यप्रदेश के प्रति हस्ताक्षर कराने के बाद शासकीय सेवक के संबंधित विभाग द्वारा ऐसे चिकित्सा देयकों की नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। यह व्यवस्था आपदा कोविड-19 के मरीजों के चिकित्सा देयकों पर लागू होगी। इसके लिये परिपत्र में 16 विभिन्न बिन्दुओं के संबंध में स्थिति भी स्पष्ट की गई है।