आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए शिक्षा और कौशल विकास के प्रयासों को अब और व्यवस्थित स्वरूप दिया जा रहा है। इस तारतम्य में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी पॉलीटेक्निक एवं आईटीआई का मूल्यांकन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी आईटीआई पॉलीटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेज के भवनों को ग्रीन बिल्डिंग कन्सेप्ट पर तैयार किया जाये। साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग तथा सोलर पैनल के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।
प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास श्रीमती केरोलिन खोंगवार देशमुख ने जानकारी दी कि इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छात्राओं को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय महाविद्यालयों के माध्यम से कार्यक्रम तय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के निरंतर व्यावसायिक विकास के लिए वार्षिक ट्रेनिंग कैलेंडर बनाया जा रहा है। आयुक्त तकनीकी शिक्षा श्री पी. नरहरि ने बताया कि पूर्व स्थापित संस्थानों में पाँच इंजीनियरिंग एवं दस पॉलीटेक्निक कॉलेजों में उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना की जायेगी। इसके साथ ही इनोवेशन सेल एवं स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना भी की जायेगी। श्री नरहरि ने बताया कि साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एवं मैथ्स की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के साथ समन्वय कर नीति निर्धारित की जाएगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अग्रणी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर नॉलेज माड्यूल का निर्धारण किया जायेगा।
संचालक कौशल विकास श्री एस. धनराजू ने बताया कि स्कूलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए आईटीआई के साथ समन्वय किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उद्योगों के साथ विचार-विमर्श कर फ्लेक्सिबल एवं माँग आधारित प्रशिक्षण दिया जायेगा। उद्योगों से परामर्श से वर्तमान पाठ्यक्रम का निर्माण किया जायेगा।
सभी पॉलीटेक्निक कॉलेज एवं आईटीआई का होगा मूल्यांकन
Saturday, August 22, 2020
0
Tags