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कृषि अधोसंरचना निधि के तहत केन्द्र सरकार की वित्त पोषित योजनाओं का उद्यानिकी कृषिकों से लाभ उठाने की अपील

शासन द्वारा उद्यानिकी फसलों के प्रोत्साहन की अनूठी पहल


केन्द्र और राज्य सरकार ने इंदौर जिले में उद्यान कृषकों और उद्यानिकी उद्यमियों तथा आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के का संकल्प लिया है। योजनान्तर्गत रणनीति तैयार कर शासन ने कार्ययोजना बनाई है, जिसके तहत किसानों को अनेक रियायतें दी गयी हैं तथा उन्हें ग्रेडिंग भण्डारण और परिवहन आदि की भी सुविधा दी गयी है। शासन कृषि फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों को भी प्रोत्साहन देना चाहती है।
    कृषि अधोसंरचना निधि कृषि विकास को बढ़ावा देगी, जिसके अंतर्गत फसलोपरांत कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्द्धन करते हुए किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य प्रदान कराना, कृषकों के लिए विपणन अधूरा रचनाएँ निर्मित करना, फसलोपरांत खाद्य पदार्थों की क्षति से हुई हानि को कम करना, सामुदायिक कृषि को बढ़ावा देना, जिससे उत्पादकता एवं कृषि की आय को बढ़ाना, कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देना, फसलोपरांत अधोसंरचना को निर्मित करना, जिससे राष्ट्रीय खाद्य नुकसान प्रतिशत को कम करना, केन्द्र/राज्य सरकार की संस्थाओं एवं निजी क्षेत्र की सस्थाओं द्वारा कृषि क्षेत्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देना, वित्तीय सहायता प्रदान कर नवीन उद्यमियों को कृषि क्षेत्र में नवाचार आदि के लिये प्रोत्साहित करना, कृषि उद्यमियों एवं कृषकों के मध्य संबंध विकसित करना, उपभोक्ताओं के लिए फरालोपरांत प्रसंस्कृत वस्तु ज्यादा मात्रा में उच्च गुणवत्ता एवं कम कीमत पर उपभोक्ता को उपलब्ध करवाना है। वर्ष 2020-21 से 2029-30 तक के लिये यह योजना है। सभी प्रकार ऋण अधिकतम 200 करोड़ तक ब्याज में 3 प्रतिशत अनुदान अधिकतम सात वर्ष तक देय होगा।


योजनान्तर्गत योग्य संस्था

    प्राथमिक सहकारी साख संस्थाएँ, सहकारी विपणन संस्थाएँ, कृषक उत्पादक संघ, स्व-सहायता समूह, कृषक, संयुक्त देयता समूह, बहुद्देशीय सहकारी संस्थाएँ, कृषि उद्यमी, नवीन उद्यमी एवं केन्द्र/राज्य की संस्थाएँ, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की स्थानीय प्रायोजक संस्थाएँ पात्र हैं।
   सप्लाइ चेन सर्विस ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म के साथ में, वेयर हाउस, सिलोस, पैक हाउस, असाईग यूनिट्स, शॉर्टिग एवं ग्रेडिंग यूनिट्स, कोल्ड चेन्स, लॉजस्टिक फेसिलिटिस, प्राईमरी प्रोसेसिंग सेंटर, रायपनिंग चेम्बर आदि। जैविक इनपुट उत्पाद, बायो स्टीमुलेंट प्रोडक्शन यूनिट, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं प्रेसीजन एग्रीकल्चर, निर्यातक क्लस्टर/फसल और क्लस्टर को सप्लाई चेन अधोसंरचना से जोडने हेतु परियोजनाओं को चिन्हाकिंत करना, केन्द्र/राज्य शासन या शासकीय संस्थाओं के अधीन पब्लिक पाईवेट पार्टनरशिप के साथ सामुदायिक कृषि को बढावा देने या फसलोपरांत प्रबंधन परियोजनाओं से संबंधित हो, की सुविधा भी उद्यानिकी कृषकों को मिलेगी।


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