किसान की आत्मनिर्भरता से ही होगा प्रदेश और देश आत्मनिर्भर
किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। किसान मजबूत होकर प्रतिस्पर्धा में आगे निकलेगा तो हमारा देश भी बढ़ेगा। मंत्री श्री पटेल 'आत्मनिर्भर भारत और कृषि क्षेत्र का विकास' विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांव के विकास से ही देश का विकास होगा।आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश और और आत्मनिर्भर भारत अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए किसान को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में जब सब कुछ लॉक डाउन से प्रभावित था तो मात्र कृषि ही ऐसा उद्यम रहा जो निरंतर चलता रहा। इतना ही नहीं इस से संबंधित अन्य व्यवसाय फल, फूल, सब्जी, दूध इत्यादि व्यवसाय भी निर्बाध रूप से चलते रहे । देश के बहुसंख्यक लोगों को रोजगार मिलता रहा। आम जनता का जीवन सुचारू रूप से चलता रहा। कोरोना संक्रमण काल ने बुजुर्गों की कहावत 'उत्तम खेती - मध्यम व्यापार' को सही अर्थों में चरितार्थ किया है।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को लाभान्वित करने, खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए कृषि के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान में कृषि के लिए ही एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे कृषि के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर ब्लॉक में किसानों के दो-दो समूह बनेंगे। प्रत्येक समूह में तीन सौ किसान रहेंगे। किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। किसानों के लिए वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग प्लांट और सायलो की व्यवस्थाएं की जाएंगी। किसान अपनी उपज का अधिक से अधिक दाम प्राप्त कर सकेंगे।
श्री पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में चना, मसूर और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाली मात्रात्मक संख्या को बढ़ाया। इससे किसानों को लाभ मिला। जो किसान पहले अपनी उपज को व्यापारियों को बेच दिया करते थे, अब उन किसानों की उपज को समर्थन मूल्य पर मंडियों में खरीदा जाना आसान हो गया। सरकार ने किसानों को गुणवत्ता पूर्वक खाद ,बीज और दवाइयां उपलब्ध कराने का न केवल लक्ष्य रखा बल्कि उन्हें उपलब्ध भी कराया।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए 24 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना को लागू किया। इससे ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। उन्हें उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। किसानों को संपत्ति के आधार पर बैंकों से मिलने लगेगा और गांव व किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलेगी। किसान आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। वेबिनार में निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल डॉ. सी.आर. मेहता और वरिष्ठ पत्रकार श्री सुनील गंगराड़े ने भी संबोधित किया।