स्वास्थ्य विभाग का कार्यभार संभालते ही मंत्री ने ली समीक्षा बैठक
स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार ग्रहण करते ही मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभागीय कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये जायें। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने पहली विभागीय समीक्षा बैठक की। इसमें प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई, एसीएस मोहम्मद सुलेमान, सचिव अशोक भार्गव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में मंत्री डॉ. चौधरी ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति और अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के निर्देश दिए। मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश के 17 जिला अस्पतालों में एक माह के अंदर 10 बेड का आईसीयू तैयार किया जाए। इसके अलावा 31 अगस्त तक 12 हजार बेड पर ऑक्सीजन पाईप लाईन लगाने का काम भी पूरा किया जाए। फिलहाल प्रदेश में 4592 बेड ऑक्सीजन की सुविधा से युक्त हैं।
अधिकारियों को दिए अन्य महत्वपूर्ण निर्देश...
ऑक्सीजन के लिए एचएफएनसी मशीन लगाने का काम 23 जिलों में पूरा कर लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि 31 जुलाई तक सभी जिला अस्पतालों में यह कार्य पूरा करवायें।
कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में 31 जुलाई तक कम से कम 2 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए।
प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
किल कोरोना अभियान के तहत कोरोना टेस्ट और डोर टू डोर सर्वे बढ़ाया जाए। अभी प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना के 20 हजार टेस्ट हो रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के साथ ही टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट में तेजी लाई जाए।
कोरोना मरीजों की जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर मिल जानी चाहिए। इसके लिए व्यवस्था दुरुस्त की जाए।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने 'आत्मनिर्भर भारत'' योजना को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य योजनाएं तैयार करने पर बल दिया।
प्रदेश में कोरोना मरीजों के 347 कोविड सेंटर संचालित
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए तैयार किए गए बेड्स में से अभी 15 प्रतिशत बेड ही इस्तेमाल हो रहे हैं। इस प्रकार प्रदेश भर के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 85 प्रतिशत बेड खाली हैं। राज्य में वर्तमान में 347 कोविड सेंटर सुचारू रूप से संचालित किए जा रहे हैं।