कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि शहर के सभी निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम और अस्पताल में भर्ती मरीज के संबंध में ट्रांसफर प्रोटोकोल के पालन अनुसार ही मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर करें। उन्होंने ट्रांसफर प्रोटोकॉल का पालन अक्षरश: किये जाने के लिए सभी अस्पताल, निजी नर्सिंग होम और क्लिनिक संचालकों के प्रबंधकों को निर्देश दिये हैं। आज वह कलेक्ट्रेट कार्यालय सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान सभी चिकित्सकों, निजी नर्सिंग होम और अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया है कि इस ओर विशेष ध्यान दिया जाये कि मरीज के परिजनों की अनुमति के बिना मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया जाए। दोनो अस्पताल समन्वय बनाने के साथ ही रेफर करने से पहले संबंधित मरीज की क्रिटिकल स्थिति के अनुसार कार्रवाई करें। इसके उपरांत ही उसे अन्य अस्पताल में भेजने की समुचित व्यवस्थाएं करें। इसके अतिरिक्त अस्पताल प्रबंधन यह भी सुनिश्चित करें कि मरीज को भेजने के पूर्व एंबुलेंस में स्टाफ की उपस्थिति के साथ-साथ सभी आवश्यक मेडिकल उपकरण भी एंबुलेंस में रहे।
कलेक्टर ने बताया कि शहर भर में 59 फ़ीवर् क्लीनिक विभिन्न स्थानों पर संचालित किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत शहर के नागरिक कोरोना संबंधी लक्षण जैसे सर्दी,खासी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ अथवा अन्य बीमारी के संबंध में वह नि:शुल्क परामर्श और जांच इन शासकीय फ़ीवर् क्लिनिकों में करा सकते हैं। इसके अलावा संबंधित व्यक्ति में कोरोना संबंधित लक्षण दिखने पर व्यक्ति की कोरोना सैंपलिंग की जांच भी फ़ीवर् क्लिनिक पर नि:शुल्क की जाएगी। इसके साथ ही रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर हमीदिया, एम्स और चिरायु अस्पताल में नि:शुल्क उपचार की भी सरकार द्वारा व्यवस्था की गई है। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वह इन फीवर क्लिनिको पर पहुंचकर अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी जांच और सैंपलिंग नि:शुल्क करा सकते हैं।
कलेक्टर ने कहा है की बढ़ते संक्रमण को शहर में रोकने के लिए जनसहयोग की अत्यंत आवश्यकता है जिससे इस संक्रमण को शहर में फैलने से रोका जा सके। समीक्षा के दौरान अपर कलेक्टर श्री अनिल वशिष्ठ, सीएमएचओ श्री प्रभाकर तिवारी सहित विभिन्न चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ उपस्थित थे।