बिजली प्रगति और बेहतर जीवन का आधार है। मघ्यप्रदेश ने वह दौर भी देखा है, जब प्रदेश अंधेरे में डूबा था। मुख्य मंत्री निवास तक की बिजली काटी जाती थी। ऐसी बिषम परिस्थितियों से प्रदेश को बाहर निकाला मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने। मध्य प्रदेश आज बिजली में आत्मनिर्भर है। प्रदेश में 24 घंटे घरेलू बिजली उपलब्ध है। खेती-किसानी के लिए भी पर्याप्त बिजली मिल रही है।
बिजली का उत्पादन और वितरण हमेशा सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। बिजली की उत्पादन लागत अधिक है। उत्पादन लागत के अनुसार निर्धारित दरों पर बिजली की आपूर्ति की जाती है तो किसान और गरीब लोगों के लिए बिजली का उपयोग करना संभव नहीं रहेगा।
मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले कार्यकाल में ही इस पर गहन चिंतन के बाद संवेदनपूर्ण निर्णय लेते हुए किसानों और गरीबों के लिए रियायती दर पर बिजली देने का निर्णय लिया। प्रतिवर्ष लगभग 10 हजार करोड़ रूपये की सब्सिडी किसानों को बिजली के लिए दी जाती है। इसी प्रकार संबल योजना के अंतर्गत गरीब लोंगो को बहुत कम दर पर बिजली उपलब्ध कराई गई।
करोना संकट में गरीब और कमजोर वर्गों की आर्थिक स्थिति पर पड़े विपरीत प्रभाव के मद्देनजर बिजली में ऐतिहासिक रियायतें देने का निर्णय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने लिया है। कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन से परेशानी के कारण प्रदेशवासियों को हर संभव राहत देने का सफल प्रयास किया है। इन्ही राहतों में से एक है बिजली उपभोक्ताओं को दी जाने वाली राहत। लॉकडाउन के कारण स्ट्रीट वेंडर से लेकर बड़े व्यवसायी तक का कारोबार प्रभावित हुआ है, लेकिन घरेलू विद्युत खपत में कोई कमी नहीं आयी है, बल्कि इस अवधि में घर में ही अधिकांश समय रहने के कारण विद्युत उपकरणों का अधिक उपयोग हुआ, जिससे बिजली बिल भी बढ़ा।
इन्हें मिलेगी राहत | |||
अप्रैल-2020 के बिजली बिल | मई, जून, जुलाई के संभावित बिल | मई, जून, जुलाई में भुगतान योग्य राशि | लाभान्वित उपभोक्ता एवं राशि (लगभग) |
100 रुपये तक तथा संबल के हितग्राही | 100 रुपये तक तथा संबल के हितग्राही | 50 रुपये प्रतिमाह | 63 लाख (100 करोड़) |
100 रुपये तक | 100 से 400 रुपये तक | 100 रुपये प्रतिमाह | 28 लाख (150 करोड़) |
100 रुपये से अधिक किन्तु अधिकतम 400 रुपये तक | 400 रुपये से अधिक | बिल की आधी राशि जमा करना होगी। शेष आधी राशि का निर्णय बिल की जाँच के बाद होगा | 8 लाख (200करोड़) |
विद्युत देयकों में स्थाई प्रभार | मई एवं जून के देयकों में वसूली स्थगित | अक्टूबर-2020 से मार्च-2021 के देयकों में भुगतान | 12 लाख |
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बिजली उपभोक्ताओं की समस्या को गंभीरता से लिया और उनके लिए राहत का एलान किया। इसके साथ ही बिजली उपभोक्तओं की समस्याओं के निराकरण के लिए विद्युत वितरण केन्द्र स्तर पर शिविर लगाने के निर्देश दिये हैं । वर्तमान में फोन नं. 1912 में शिकायत दर्ज करने पर एक घंटे में बिजली की समस्या का निराकरण कर दिया जाता है। खराब ट्रांफार्मर 3 दिन में बदल दिये जाते हैं।
बिजली उपभोक्ताओं में से विभिन्न वर्ग के लगभग एक करोड़ 11 लाख उपभोक्ताओं को करीब 1150 करोड़ रूपये की राहत मिलेगी।
प्रदेश के निम्नदाब गैर-घरेलू एवं निम्नदाब औद्योगिक उपभोक्ताओं तथा उच्च टैरिफ एचव्ही-3 उपभोक्ताओं के माह अप्रैल के साथ ही मई एवं जून 2020 के विद्युत देयकों में स्थायी प्रभार की वसूली को स्थगित कर दिया गया है। स्थगित राशि की वसूली अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 के विद्युत देयकों के नियमित भुगतान के साथ 6 समान किश्तों में बिना ब्याज के की जाएगी।इस निर्णय से करीब 12 लाख उद्यमियों को लगभग 700 करोड़ रुपये की तात्कालिक राहत मिलेगी।
संबल के हितग्राही तथा ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनके बिजली के बिल अप्रैल में 100 रूपये या उससे कम आये थे तथा मई, जून, जुलाई में भी 100 रूपये से कम आयेंगे, उनसे मई, जून, जुलाई की राशि के स्थान पर सिर्फ 50 रूपये महीने का भुगतान लिया जाएगा। राज्य सरकार के इस निर्णय से लगभग 63 लाख हितग्राहियों को 100 करोड़ रूपये का लाभ होगा।
ऐसे घरेलू उपभोक्ता,जिनके बिजली के बिल माह अप्रैल में 100रूपये से कम आए थे किन्तु मई, जून और जुलाई माह में 100 रुपये से अधिक परंतु 400 रुपये से कम आए हैं या आएंगे,तो उनसे मई, जून और जुलाई माह के बिल की राशि के स्थान पर सिर्फ 100 रुपये प्रतिमाह लिया जाएगा। इस निर्णय से लगभग 28 लाख हितग्राहियों को 150 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
ऐसे घरेलू उपभोक्ता,जिनके बिजली के बिल माह अप्रैल में 100 रूपये से अधिक परन्तु 400रूपये या उससे कम आए थे, उनके मई,जून और जुलाई माह में देयक राशि 400 रूपये से ज्यादा आने पर उनसे इन तीन माहों में देयक की राशि का मात्र 50 प्रतिशत भुगतान लिया जाएगा। शेष बिल की राशि की जाँच के उपरांत निर्णय लिया जाएगा। इससे लगभग 8 लाख हितग्राहियों को बिल की राशि का आधा भुगतान ही करना होगा। इस निर्णय से हितग्राहियों को लगभग 200 करोड़ का लाभ होगा।
उपभोक्ताओं द्वारा अप्रैल और मई माह के बिलों का भुगतान नियत तिथि तक करने पर उन्हें एकप्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि निम्नदाब उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम 10हजाररूपये एवं उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम एकलाख रूपये होगी। यह राशि विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा वहन की जायेगी।
इसके साथ ही प्रदेश के कृषि उपभोक्ताओं को फ्लेट रेट के 10 हार्सपावर तक के पंप पर 700 रूपये प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष की दर से तथा 10 हार्सपावर से अधिक के फ्लेट रेट उपभोक्ताओं को 1400 रूपये प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष की दर से बिजली दी जा रही है। इसके साथ ही एक हेक्टेयर तक कृषि भूमि वाले अनुसूचित जाति/जनजाति उपभोक्ताओं के 5 हार्सपावर तक के कनेक्शन में नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ भी दिया जा रहा है।
आवश्यकता से अधिक है बिजली
प्रदेश में आवश्यकता से अधिक बिजली उपलब्ध है। हमारी बिजली उत्पादन क्षमता 21 हजार मेगावॉट की है, जबकि इस वर्ष अधिकतम संभावित आवश्यकता 16 हजार मेगावॉट होगी। राज्य के थर्मल प्रोजक्ट से 5400, हायडल प्रोजेक्ट से 917, संयुक्त उपक्रम एवं अन्य हायडल प्रोजेक्ट से 2515, केन्द्रीय क्षेत्र से 5005, आईपीपी से 3427 और नवकरणीय ऊर्जा 3963 मेगावॉट उपलब्ध है।