113 प्रकरणों में एक करोड़ रूपए से अधिक राहत राशि वितरित, अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम संबंधी बैठक आयोजित
अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानीटरिंग समिति की बैठक कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2019-20 के माह अक्टूबर से दिसम्बर 2019 तक के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि इस अधिनियम के अंतर्गत प्रकरणों में पीड़ितों को शीघ्र राहत उपलब्ध कराने के साथ ही जांच में तेजी लाकर न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएं। कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि प्रकरण अधिक अवधि तक लंबित न रहे इसके लिए संबंधित विभाग या अधिकारी पूरी तत्परता के साथ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि अपराध पंजीकृत करने तथा विवेचना के लिए पीड़ित के लिए पास जाति प्रमाण पत्र न हो तो पीड़ित का जाति प्रमाण पत्र शीघ्र बनाया जाए। बैठक में एसपी श्रीमती मोनिका शुक्ला ने जाति प्रमाण पत्र के अभाव में लंबित प्रकरणों के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि पीड़ितों के जाति प्रमाण पत्र के अभाव में कार्यवाही लंबित है। पीड़ितों के जाति प्रमाण पत्र बन जाने से प्रकरणों की विवेचना में तेजी आएगी। कलेक्टर श्री भार्गव ने सभी एसडीएम को पीड़ितों के जाति प्रमाण पत्र शीघ्र बनाए जाने के निर्देश दिए। बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग की जिला संयोजक श्रीमती पूजा द्विवेदी द्वारा प्रकरणों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर समिति के सदस्य तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। 76 प्रकरणों में 78 लाख 75 हजार रूपए की राहत राशि स्वीकृत बैठक में समिति द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के कुल 76 राहत प्रकरणों में 78 लाख 75 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की गई। जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के कुल 62 प्रकरणों में 64 लाख 30 हजार रूपए की राहत राशि स्वीकृत गई तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के कुल 14 प्रकरणों में 14 लाख 45 हजार रूपए की राहत राशि स्वीकृत की गई। 113 प्रकरणों एक करोड़ रूपए से अधिक राहत राशि वितरित बैठक में जानकारी दी गई कि पूर्व से लंबित, समिति द्वारा स्वीकृत तथा अन्य जिलों से प्राप्त अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के कुल 113 राहत प्रकरणों में एक करोड़ 12 लाख 70 हजार रूपए की राहत राशि वितरित की गई है। जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के कुल 88 प्रकरणों में 88 लाख पांच हजार रूपए की राहत राशि वितरित की गई तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के कुल 25 प्रकरणों में 24 लाख 65 हजार रूपए की राहत राशि वितरित की गई। |