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प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर योजना से जरूरतमंदों को मिल रहा है जीने का नया सहारा (खुशियों की दास्तां)

इंदौर संभाग में जरूरतमंदों की मदद के लिये शहरी पथ विक्रेताओ के लिये प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत जरूरतमंदों को जीने का नया सहारा मिलने लगा है।

          कोरोना संक्रमण के चलते आई परेशानी से इस योजना से काफी हद तक हितग्राहियों को निजात मिलने लगी है। इस योजना के तहत मिली सहायता से चयनित परिवारों ने आत्मनिर्भर बनने का बीड़ा उठाया है। काम छोटा ही लेकिन भविष्य के लिये नई शुरूआत की है।  खरगोन के सुखपुरी में रहने वाले दम्पत्ति कमल एवं लता प्रजापत ने संकट के दौर में हिम्मत नहीं हारी और जीने का नया सहारा तलाशा। उन्होंने प्रधानमंत्री पथ विक्रेता योजना के तहत आवेदन किया। उन्हें दस-दस हजार रूपये की आर्थिक मदद मिल गई है। इससे उन्होंने मिट्टी के बर्तन, दीये और अन्य सामग्री बनाने की शुरूआत की है। उनका कहना है कि यह छोटी मदद हमारे लिये बड़ी कारगर होगी। इसी तरह खरगोन के ही चंदा और रामु वर्मा ने भी इस योजना से मिली राशि से सब्जी, भाजी का व्यापार शुरू किया है। सुनील कर्मा ने ऑनलाइन सब्जी बाजार का काम प्रारंभ किया है। इन लोगों को जीने का नया सहारा मिल रहा है।

          नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा शहरी पथ विक्रेताओं, हाथ ठेला, फुटपाथ पर सभी प्रकार की साम्रगी बेचने वालो और मौची का काम करने वाले, फेरी लगाकर सब्जी, खाद्य़ सामग्री, जरुरी सामान बेचने वाले व्यक्ति मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार आदि के लिये उक्त योजना चलाई जा रही है। ऑनलाइन पंजीकृत और पात्र पथ व्यवसायियों को प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के जरिए 10 हजार रुपए की कार्यशील पूँजी के लिए मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
 


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