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फसलों में कीट व्याधी को लेकर कृषकों को सलाह

फसलों में कीट व्याधी को लेकर कृषकों को सलाह------


उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास  श्री शिवसिंह राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि बताया कि जिले में खरीफ मौसम अन्तर्गत विभिन्न फसलों के लक्षित 398610 हेक्टयर क्षेत्र में से 342804 हेक्टर में बुवाई कार्य सम्पन्न हो चुका है,  जो कि कुल अच्छादित रकबे का 86 फिसदी पूर्ण हो चुका है। खरीफ मौसम में वर्षा भी अद्यतन स्थिति है 289.00 मि.मी रही जो कि जिले की औसतन वर्षा से 1148.4 मि.मी से काफी कम है। ऐसी स्थिति में कृषक बंधु फसल में नमी बनाये रखने के लिए खेत फसल में निंदाई-गुड़ाई करें, फसल पंक्तियों के बीच डौरा चलाये, 2 प्रतिशत यूरिया का घोल बनाकर खड़ी फसलों में छिड़काव करें, जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन है वह फसलों में सिंचाई करें, मल्चिंग का उपयोग करें।
      खरीफ फसलों में कीट व्याधियों का प्रकोप होने पर उनके नियंत्रण हेतु कृषक-  कामलिया कीट के नियंत्रण हेतु खेत का नियमित निरीक्षण करें, खेत फसल के साथ.साथ खेत के मेड़ को साफ सुथरा रखें, मुख्य फसल के किनारे पर गार्ड फसल के रूप में मूँगफलीए लोबिया की एक कतार लगायें, कीट नियंत्रण हेतु प्रारंभिक तोर नर नीम तेल का छिड़काव करें, खेत में कीट का प्रकोप बढ़ने पर कीटनाशक दवाई क्यूनालफास / क्‍रीपाईरीफास/ प्रोनोफॅससायपर मेथ्रिन दवाई का उचित घोल 30 से 40 मि.मी प्रति स्प्रे पंपद्ध बनाकर छिड़काव करें, छिड़काव हेतु तैयार घोल में 10 से 15 ग्राम कपडे़ धोने का पावडर शेम्पू मिलाकर छिड़काव करें, दवाई का छिड़काव हवा के विपरीत दिशा में न करें,  खेत फसल में दवाई का छिड़काव करते समय किसी प्रकार का धुम्रपान न करे और नाकए मुँह इत्यादि कपड़े से ढक कर रखें, खेत फसल के चारों और गहरी खाई खोदे जिससे इल्लीयाँ खेत में प्रवेश न हो सके।
    मक्का फसल में फॉल आर्मी वर्म के नियंत्रण हेतु- उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग करें, हाथों से अंड गुच्छों एवं इल्ल्यों को नष्ट करें, फयुजीपरडा फिरोमोन प्रपंच 15 है.का उपयोग करें, टी आकार की खुटियाँ लगाये 30.40 प्रति हेक्टर में, ग्रसित फसल की पोगली में बारीक सूखी रेतए राख अथवा बुरादा डाले, प्रकोप की प्रारंभिक अवस्था में नीम तेल 10000 पीपीएम या एनएसकेई 5 प्रतिशत का एक लीटर/हैक्टर छिड़काव करें, जैविक कीटनाशक जैसे बिवैरिया, बेसियाना, मेटारायजियम, एनीसोपोली या बैसिलस थुरिन्जेन्सिस बीटी या एनण्पीण् वायरस का 1 लीटर/हैक्टर की दर से छिड़काव करें। सिन्थेटिक कीटनाशकों में थायोडीकार्य 75 डब्ल्यूपी का 1 किलोग्राम या फ्लूबैन्डामाइट 480 एससी का 150 मिली या इमामेक्टीन बेन्जोएट 5 एसजी का 200 ग्राम या स्पीनोसेड 45 एससी का 200 मिली/हे. उपयोग करें। जहरीला चुग्गा का प्रयोग करें इसके लिए 10 किग्रा धान के चोकर में 2 किग्रा गुड़ तथा 2.3 लीटर पानी में 100 ग्राम थायोडिकार्प मिलाकर पौधों की पोंगली में डालें। 
 


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