सभी आगँनवाड़ी केन्द्रों की जियो टेगिंग का कार्य पूर्ण
आगँनवाड़ी केन्द्रों को नियमित रूप से खोलने के लिए नए एप कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (CAS) का उपयोग किया जा रहा है। एप के माध्यम से मॉनिटरिंग की नई व्यवस्था में अब आगँनवाड़ी कार्यकर्ता की केन्द्र में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित की जा सकेगी। यदि कार्यकर्ता आगँनवाड़ी केन्द्रों में नहीं पहुँचती है तो उनकी उस दिन की उपस्थिति मान्य नहीं होगी। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा तैयार करवाये गये इस नए एप में आगँनवाड़ी कार्यकर्ता अपने केन्द्र पहुँचकर पहले अपनी फोटो खीचेंगी, तब ही एप खुल पाएगा। एप खुलने पर लॉगिन करने पर ही उनकी उपस्थिति मानी जाएगी।
सभी आगँनवाड़ी केन्द्रों की जियो टेगिंग
प्रदेश के सभी 97 हजार 135 आँगनवाड़ी और मिनी आगँनवाड़ी केन्द्रों की जियो टेगिंग का काम पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जिलों में कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर लागू किये जा चुके है। इन जिलों में 27 हजार 817 स्मार्ट फोन, सिम, एस.डी.कार्ड, इंटरनेट डाटा प्लान उपलब्ध करवाया जा चुका है। शेष 36 जिलों की 69 हजार 318 आगँनवाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षको को इस सॉफ्टवेयर के उपयोग का चरणबद्ध रूप से जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
संचालनालय स्तर पर मिलेगी ऑनलाइन जानकारी
इस नई व्यवस्था के लागू होने से प्रदेश में किस दिन कितने आगँनवाड़ी केन्द्र खोले गए और कितने बंद रहे, यह जिलेवार जानकारी संचालनालय स्तर पर एप के माध्यम से उपलब्ध रहेगी। उच्च स्तर के अधिकारी किस जिले के किस ब्लाक में कितने केन्द्र खोले गए इसकी जाँच तथा संबंधितों से पूछताछ भी कर सकेंगे। इस व्यवस्था से अब सुपरवायजर को कार्यकर्ता की निगरानी के लिए आँगनवाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब वे अपने कार्यालय से ही एप के माध्यम से पता कर सकेंगे कि उनके सेक्टर में कितने आगँनवाड़ी केन्द्र खुले और कितने बंद है।