Type Here to Get Search Results !

मंत्री सुश्री उषा ठाकुर फिक्की के ई-कानक्लेव में शामिल हुई

कोविड से पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने प्रदेश में होंगे नवाचार, घरेलू पर्यटकों के लिये सुरक्षित पर्यटन हेतु 53 गांव चिन्हित


मध्यप्रदेश में पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिये पर्यटन विभाग अनेक नवाचारों पर विचार कर रहा है। इन दिनों मानवता कोविड-19 से जूझ रही है। भारत की देव भूमि कालजेई विश्व विजयी वैदिक जीवन पध्दति ही जीवन बचा पाएगी। इसलिए पर्यटन में आध्यात्मिक टूरिज्म का नवाचार करेगा विभाग ।

      यह बात पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने आज फिक्की द्वारा आयोजित टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव के समापन समारोह में भाग लेते हुए कही। उन्होंने कहा कि बफर से सफर इंतजार आपका पब्लिसिटी केम्पन के माध्यम से सोश्यल मीडिया के माध्यम से प्रचार किया। कोविड से पर्यटकों की रक्षा हेतु कर्मचारियों को सतत  प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्राकृतिक सुंदरता के साथ विविध संस्कृति और बोली से युक्त मध्यप्रदेश के 53 गांवों को चिन्हित कर इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। इससे कोविड की मार झेल रहे पर्यटन उद्योग को पुनर्वापसी में सहायता मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे।

      सुश्री ठाकुर और सभी राज्यों के मंत्री इस बात पर एकमत थे कि पड़ोसी राज्यों के परस्पर सहयोग से पर्यटन को प्रोत्साहित किया जाये। मध्यप्रदेश की सीमाएं 5 राज्यों से मिलती हैं। सुश्री ठाकुर ने कहा कि हम प्रदेश में ईको टूरिज्म के साथ ही आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देंगे। मध्यप्रदेश में प्राचीन तीर्थ उज्जैन, नर्मदा उद्गम अमरकंटक, साँची, महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर आदि महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल हैं। सुश्री ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश में सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व हैं। इनके बफर क्षेत्र में कोविड को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों के लिये सुविधाएँ जुटाई जा रही हैं।

      कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, केरल के पर्यटन मंत्री श्री कणाकमपल्ली सुरेन्द्रन, ओडिशा के पर्यटन मंत्री श्री ज्योति प्रकाश पाणिग्रही, कर्नाटक के पर्यटन मंत्री श्री सी.टी. रवि, गुजरात के पर्यटन राज्य मंत्री श्री वसन भाई अहीर, केन्द्रीय अतिरिक्त महानिदेशक पर्यटन श्रीमती रुपिन्दर बरार, फिक्की ईस्टन रीजन टूरिज्म कमेटी के अध्यक्ष श्री सौवाग्य महोपात्र और फिक्की की पूर्व अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना सूरी ने भी भाग लिया।

      कार्यक्रम का संचालन सुश्री रूपाली ने किया। सभी राज्यों के पर्यटन मंत्री ने अपने-अपने राज्यों में पर्यटन और संभावित रणनीति के बारे में जानकारी दी। श्रीमती रुपिन्दर बरार ने कहा कि देश में पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिये हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। अब तक 43 वेबिनार हो चुके हैं। नई परिस्थितियों को देखते हुए राज्यों का डाटाबेस बनाया जायेगा। भारत के प्रत्येक राज्य की संस्कृति, खान-पान, वेश-भूषा, प्राकृतिक स्थल आदि अपने आप में अनोखे हैं। पर्यटकों के लिये डिजिटल डायरी लांच की जायेगी, जो एप के रूप में उपलब्ध रहेगी।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.